पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार नहीं है सांप्रदायिक ध्रूवीकरण, जीतेंगे कई मुस्लिम उम्मीदवार
अनवर चौहान की चुनावी यात्रा
चुनाव अपने चरम पर हैं लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाक़ों में ख़ामोशी है. भारत में मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी वाले इलाक़ों में से एक पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मुस्लिम प्रतिनिधि संसद पहुंचते रहे हैं. लेकिन साल 2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद हुए ध्रुवीकरण के माहौल में 2014 के चुनाव में इस इलाक़े से एक भी मुस्लिम प्रतिनिधि नहीं चुना गया. लेकिन साल 2019 में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने मिलकर चुनाव लड़ा तो पांच मुसलमान सांसद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों से जीतकर संसद पहुंचे थे. सहारनपुर से हाजी फ़ज़लुर्रहमान, अमरोहा से कुंवर दानिश अली, संभल से डॉ. शभीकुर्रहमान बर्क़, मुरादाबाद से एसटी हसन और रामपुर से आज़म ख़ान ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2024 का चुनाव आते आते राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ `इंडिया` गठबंधन में है, राष्ट्रीय लोक दल अब बीजेपी के साथ है और बहुजन समाज पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है. इन हालात में भी इस इलाके से कई मुस्लिम उम्मीदवार चुने जाने की संभावना ह...
मुख्तार की मौत पर सवाल उठना कितना वाजिब
अनवर चौहान
मुख्तार अंसारी की मौत पर एक नहीं अनेकों सवाल खड़े हो गए है। मुख्तार की जानिब से बार-बार आगाह किया जा रहा था कि उसकी जानको ख़तरा है। और हुआ भी वही जान उसकी चली गई। ये बात अलग है कि जान जाने का सबब क्या था ये जांच का हिस्सा है। न्यायिक जांच हो या प्रशास्निक जांच। अंजाम तो लोग जानते ही है। गुरुवार रात उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख़्तार अंसारी बाँदा के मेडिकल कॉलेज में बेहोशी की हालत में लाए गए और उसके लगभग एक घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई. लेकिन पिछले कुछ दिनों से बाँदा जेल और अस्पताल से मुख़्तार अंसारी और उनकी बिगड़ती तबीयत के संकेत आ रहे थे. और उनका परिवार भी यह आरोप लगा रहा था कि उन्हें धीरे असर करने वाला ज़हर देकर मारने की कोशिश की जा रही है. पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को समेट कर समझने की कोशिश करते हैं। मुख़्तार अंसारी की मौत अचानक हुई या उन्हें और उनके परिवार को किस बात का अंदेशा था.बाँदा में मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद उनके छोटे बेटे उमर अंसारी कहते हैं, "पापा ने हमें खुद बताया है कि उन्हें स्लो प्वॉइज़न दिया जा रहा है. लेकिन कहां सुनवाई हुई.&...
अपनी ज़मीन तलाशते बसपा सांसद
अनवर चौहान
लोकसभा चुनावों को लेकर मायावती की बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा के सांसद अपनी सांसदी बचाने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। कुछ नेअपने रास्ते तलाश लिए हैं तो कुछ दूसरे दलों के साथ संपर्क में हैं। चूंकि बसपा के सांसद जानते हैं कि उनकी पार्टी किसी गठबंधन में नहीं है लिहाज़ा बसपा के टिकट पर उनका जीतना नामुमकिन है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने यूपी में 10 सीटें जीती थी. राज्य में बीजेपी के बाद बसपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी.सपा ने गाज़ीपुर से अफज़ाल अंसारी को टिकट दिया है. अफ़जाल अंसारी 2019 में बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे. अमरोहा से सांसद दानिश अली को पार्टी ने पहले ही सस्पेंड कर दिया था. माना जा रहा है कि वो लगभग कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. दानिश अली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मणिपुर में भी मौजूद थे.सपा ने बुधवार को जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला शेयर किया, उसमें कांग्रेस अमरोहा से लड़ सकती है. दानिश अली ज़मीन पर सक्रिय बताए जा रहे हैं. ये तो रही दानिश अली और अफज़ाल अंसारी की बात लेकिन मायावती की पार्टी के कई सांसद दूसरी पार...
बेईमान पीठासीन अधिकारी के पक्ष में दिखा हाईकोर्ट, पर सुप्रीम कोर्ट ने उधेड़ डाली धज्जियां
अनवर चौहान
नई दिल्ली, 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अदालत का रुख़ किया था.आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने धांधली की और संख्या बल ना होने के बावजूद भी बीजेपी की जीत का एलान किया.यह तथ्य है कि संख्या बल आप और कांग्रेस के पक्ष में था लेकिन उनके आठ वोट अमान्य करार दिए गए थे. अमान्य करार दिए जाने को ही आप और कांग्रेस ने धांधली बताया है.आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का रुख़ किया था, जहाँ से राहत ना मिलने पर वो सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे.सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सख़्त लहज़े में टिप्पणी की है.चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड ने कहा, ``यह लोकतंत्र का मज़ाक है. जो हुआ, हम उससे हैरान हैं. हम लोकतंत्र की इस तरह से हत्या नहीं होने दे सकते.``सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को भी कड़ी फटकार लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धांधली मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को भी नोटिस जारी ...
कल से खराब हो सकती है दिल्ली की हवा
अनवर चौहान
मंगलवार को हवा दक्षिण-पश्चिम की ओर से चलने का अनुमान है। इस दौरान हवा की गति 8 से 14 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने की संभावना है। इसके साथ ही बुधवार से हवा खराब श्रेणी में जाने की आशंका है। ऐसे में हवा की गति 8 से 14 किलोमीटर प्रतिघंटे चलेगी।राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। मंगलवार को भी हवा मध्यम श्रेणी में बनी रहेगी। इसके बाद बुधवार से हवा खराब श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है। दिल्ली में दो दिन के बाद हवा धीरे-धीरे प्रदूषित हो रही है। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 175 दर्ज किया गया, जोकि रविवार के मुकाबले 11 सूचकांक अधिक है। वहीं, चार इलाकों में एक्यूआई 200 के पार दर्ज किया गया है। बता दें दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार सोमवार को हवा की दिशा पश्चिम से उत्तर-पश्चिम रही। वहीं, हवा 8 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चली। इससे हवा की गति कम होने से प्रदूषण कर्ण बढ़ रहे हैं। मंगलवार को हवा दक्षिण-पश्चिम की ओर से ...
पाकिस्तान से नेपाल होकर भारत में आ रहे हैं जिगाना और बेरेटा जैसे हथियार
अनवर चौहान
पाकिस्तान से नेपाल होकर भारत में महंगे हथियार आ रहे हैं। पाक से जिगाना व बेरेटा जैसे हथियार हवाई जहाज से नेपाल पहुंचते हैं। नेपाल से कस्टम विभाग की मिलीभगत से एयरपोर्ट से बाहर निकलते हैं। इसके बाद इंडो-नेपाल बॉर्डर से अवैध तरीके से हथियार भारत पहुंचते हैं और फिर यहां गैंगस्टर को सप्लाई किए जाते हैं। ये खुलासा हथियार सप्लाई करने वाले अतंरराष्ट्रीय गिरोह के पकड़े गए तीन सदस्य मोहम्मद ओवैस उर्फ शमशाद, मोहम्मद अफरोज और मोहम्मद अदनान हुसैन अंसारी ने किया है। यह मॉड्यूल दुबई, पाकिस्तान, नेपाल और भारत से संचालित हो रहा था।
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस गिरोह ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने वाले लारेंस बिश्रोई गिरोह के शूटरों को हथियार दिए थे। इस गिरोह के सरगना शाहबाज ने लारेंस बिश्रोई गिरोह को हथियार दिए थे। इस समय शाहबाज राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत हैं। शाहबाज के बाद मोहम्मद ओवैस ने गिरोह की कमान संभाल ली थी।
इस गिरोह के सदस्य पिछले कुछ सालों में पाक से 70 से ज्यादा महंगे हथियार ला चुके हैं। जिगाना व बे...
जातिगत जनगणना बीजेपी के लिए बनेगी गले की फांस
अनवर चौहान
जातिगत जनगणना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गले की फांस बनने जा रही है। लोकसभा 2024 के चुनाव में ये बड़ा मुद्दा होगा। भारत की 26 मुखालिफ पार्टियों ने 18 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक के बाद एक साझा बयान जारी किया था. इसमें विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की है.भारत में जातिगत जनगणना की मांग दशकों पुरानी है. इसका मक़सद अलग-अलग जातियों की संख्या के आधार पर उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण देना और ज़रूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना बताया जाता है.
माना जाता है कि बीजेपी को इस तरह की जनगणना से डर यह है कि इससे अगड़ी जातियों के उसके वोटर नाराज़ हो सकते हैं, इसके अलावा बीजेपी का परंपरागत हिन्दू वोट बैंक इससे बिखर सकता है. वहीं विपक्ष सामाजिक न्याय के नाम पर साल 2024 के चुनावों में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर बीजेपी पर दबाव बनाने और दलित, पिछड़े वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने साल 2010-11 में देशभर में आर्थिक-सामाजिक और जातिगत गणना करवाई थी लेक...
उत्तर प्रदेश की 20 सीटों पर नए गेम प्लान के साथ उतरेगी भाजपा
अनवर चौहान
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र अपनी सियासी गोटियां बिछाना शुरू कर दी हैं। जिन सीटों पर भाजपा कमज़ोर दिखती है वहां अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इन सीटों पर पार्टी ने विशेष रणनीति के तहत काम करने की योजना बनाई है। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल को दो सीटों पर जीत मिली थी। इस प्रकार एनडीए यूपी की 64 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। 10 सीटों पर बसपा, पांच सीटों पर सपा और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई थीं। लोकसभा चुनाव 2024 में इन सीटों पर जीत के लिए पार्टी की ओर से विशेष रूप से रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा को यूपी की 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। बाद में हुए उप चुनाव में भाजपा ने आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज कर इस संख्या को 14 कर लिया है। लेकिन, पार्टी की रणनीति अभी भी लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम के आधार पर रणनीति को तैयार करने ...