अनवर चौहान

अब दिल्ली में सिंगापुर की तर्ज पर सरकार फूड मार्केट का पुनर्विकास करेगी। पहले चरण में मजनूं का टीला और चांदनी चौक में फूड हब विकसित होंगे। सरकार इसकी ब्रांडिंग करेगी। यहां फूड सेफ्टी की गाइडलाइंस और साफ-सफाई का पूरा पालन कराया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार एक प्रतियोगिता भी कराएगी। इसमें सभी आर्किटेक्ट्स अपना डिजाइन देंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि फूड हब पुनर्विकास में दिल्ली के पकवान को नई पहचान दी जाएगी। उसमें स्ट्रीट फूड, तिब्बती मोमोज से लेकर लजीज गोल गप्पे, विश्व प्रसिद्ध दाल मखनी, बटर चिकन या सभी के पसंदीदा छोले भटूरे और परांठे शामिल होंगे। रोजगार बजट 2022-23 के तहत ‘दिल्ली फूड हब के पुनर्विकास’ पहल की घोषणा की गई थी। इसके तहत सरकार पुनर्विकास के पहले चरण में 2 प्रतिष्ठित फूड हब का कायाकल्प कर रही है।

क्लाउड किचन को लेकर नई पॉलिसी
दिल्ली सरकार बहुत जल्द राजधानी में क्लाउड किचन योजना लाने जा रही है। इससे दिल्ली में चल रहे करीब 20 हजार क्लाउड किचन और वहां काम करने वाले 4 लाख लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस योजना के लिए बनाए गए श्वेत पत्र को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इंडिपेंडेंट फूड आउटलेट (क्लाउड किचन) के विनियमन के लिए योजना लाई जाएगी, ताकि इस क्षेत्र में भी पर्याप्त रोजगार पैदा हो सकें।
इस योजना के लागू होने से दिल्ली में क्लाउड किचन को कानूनी रूप दिया जाएगा। इससे क्लाउड किचन संचालित करने वाले व बिजनेस शुरू करने वालों को सरकार के किसी भी विभाग से लाइसेंस लेने के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। एक ही पोर्टल पर अलग-अलग विभाग के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि दिल्ली में चल रहे क्लाउड किचन को कानूनी रूप दिया जाए।

गांधी नगर मार्केट को ‘गारमेंट हब’ बनाया जाएगा

दिल्ली के बाजारों को आधुनिक बनाने में दिल्ली सरकार एक बार फिर सक्रिय दिखाई दे रही है। रोजगार बजट में घोषित बाजारों के सौदर्यीकरण और आधुनिक सुविधा देने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत गांधी नगर मार्केट को ‘गारमेंट हब’ बनाया जाएगा। इस बाजार को चांदनी चौक के ही तर्ज पर खूबसूरत बनाया जाएगा। इस बाबत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्चस्तरीय बैठक कर पुनर्विकास योजना की समीक्षा की। मार्केट के अधिकांश मुद्दे एमसीडी के अंतर्गत आते हैं। लिहाजा एमसीडी को ही बतौर कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया जाएगा।
समीक्षा बैठक में केजरीवाल ने उद्योग विभाग को गांधी नगर मार्केट के पुनर्विकास का काम तेज करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को जल्द से जल्द कंसल्टेंट हायर करने और अगले छह महीने के अंदर डिजाइन तैयार करने का निर्देश दिया है। बिजली के तारों को भूमिगत करने, चौड़ी सड़क बनाने, छोटी सड़कों को बेहतर करने और व्यापारियों से बातचीत कर अतिक्रमण को भी खत्म करने का निर्देश दिया है। इस दौरान उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार रोजगार बजट में अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। अगले पांच साल में दिल्ली में नौकरी के 20 लाख नए अवसर पैदा करना है।

दिल्ली को अनूठी पहचान देता है गांधी नगर
केजरीवाल ने कहा कि गांधी नगर दिल्ली को एक अनूठी पहचान देता है। महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जो दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को बढ़ाने और हजारों की संख्या में रोजगार देने में मील का पत्थर साबित होगा। पुनर्विकास से न केवल इसे एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि व्यापारियों के व्यापार में भी वृद्धि होगी। शॉपिंग करने का नया अनुभव प्राप्त होगा।

वेयर हाउस भी बनाया जाएगा : भारद्वाज
दिल्ली के उद्योग मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि डिजाइन और प्रोजेक्ट प्रबंधन का काम आर्किटेक्चरल इंस्टीट्यूट स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के प्रोफेसर मनोज माथुर और उनकी टीम द्वारा किया जाएगा। यहां वेयर हाउस बनाया जाएगा। पब्लिक सुविधाएं, मैप, स्ट्रीट फर्नीचर समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। ड्रेनेज सिस्टम ठीक किया जाएगा, ताकि बारिश के दौरान जल भराव न हो। पीने का पानी, सीसीटीवी कैमरा और शौचालय की सुविधा होगी। इस पर करीब 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

दो फेज में काम पूरा होगा

फेज- एक : पहले चरण के तहत स्थानीय व्यापारियों के तत्कालीन समस्याओं को दूर किया जाएगा। जनसुविधाएं, पेयजल व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। सीसीटीवी कैमरे व सिक्योरिटी मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। स्ट्रीट लाइट व स्ट्रीट फर्नीचर को री-डिजाइन किया जाएगा। विजुअल इनफार्मेशन सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
फेज दो : मार्केट के अर्बन डिजाइनिंग व आर्किटेक्चर पर फोकस किया जाएगा। साथ ही मार्केट के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग, डिजिटलाईजेशन, अग्निशमन सुविधाएं स्थापित करना व मौजूदा सुविधाओं को अपग्रेड करना आदि शामिल होगा।