सफदर रिज़वी

ग़रीब नवाज़ एजुकेशनल एंड डवलपमेंट काउंसिल भाजपा सरकार और मुसलमानों के बीच बात-चीत का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है। संगठन के अध्यक्ष क़ारी मोहम्मद मियां मज़हरी का कहना है कि भाजपा सरकार मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं कर  रही है।  जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत ये है कि मुसलमान भी तरक्की करे। लेकिन उनकी इस सोच पर भाजपा की राज्य सरकारें  काम नहीं कर रही हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए ये काउंसिल 30 अक्तूबर को कांस्टीट्यूशनल क्लब में नए हिंदुस्तान की तामीर में अक़लियतों की शिरकत विषय पर सुबह 10 बजे से एक सेमिनार करने जा रही है।  इसका उदघाटन केंद्रीय मंत्री मुख़तार अब्बास नक़वी करेंगे, जबकि मुख्य अतिथि एसएस आहलूवालिया होंगे। इस में भाजपा नेता साबिर अली भी शिरकत करेंगे। इस सेमिनार की ज़ोर-शोर से तैयारी की जा रही है। इसके लिए अलग-अलग राज्यों से  जानी-मानी हस्तियों को बुलाया गया है। इनमें पूना से डॉक्टर इनामदार, दिल्ली से प्रोफेसर अख़तरूल-वासे मध्य प्रदेश से हलीम खान, गुजरात से उसमान ग़नी कादरी समेत दूसरे राज्यों से मुस्लिम नेता शामिल होंगे।

मजहरी ने बताया कि सम्मेलन में मुसलमानों की शिक्षा को लेकर मुख्य चर्चा होगी। मदरसों का बुरा हाल है, इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यहां तक की 2 साल से अधिक समय से अध्यापकों को वेतन नहीं मिला है। मदरसे के ज़िम्मेदारों ने इस बाबत राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों को समय-समय पर अवगत कराया और समस्याओं को हल करने की मांग की जा चुकी है, लेकिन ना तो राज्य सरकारों ने कोई कारर्वाई की और ना ही मानव  संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ही कोई ध्यान दिया। मज़हरी के मुताबिक ऐसा इस लिए हो रहा है क्योंकि मुसलमानों और सरकारों के बीच बातचीत का कोई सिलसिला नहीं है। उनका मानना है कि जबतक बातचीत का रास्ता नहीं खुलेगा तब तक प्रधानमंत्री मोदी का सबका साथ सबका विकास का सपना पूरा नहीं हो सकता।  बिना मुसलमानों की तरक्की के मोदी का नया भारत संपूर्ण विकास नहीं कर सकता।