आतंकी आख़िर फ्रांस को ही क्यों निशाना बना रहे हैं...ये एक सवाल उठता है।...उसके मुख्य चार कारण समझ में आते हैं...नंबर1- पेरिस हमले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार केबनेट मंत्री आज़म खान का बयान आया। जिसमें उन्होंने कहा कि ये एक्शन का रिएक्शन है। दूसरी बात उन्होंने कही कि पेरिस शारब-ख़ोरों और नाच गाने का अड्डा है। यानि जो वहां कि संस्कृति है वो इस्लाम के खिलाफ है। उधर हमलों कके बाद ISIS का बयान आता है..उसने हमलों की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा कि पेरिस नफ़रत और विकार की राजधानी बन गया था. संगीत समारोह में जाने वाले लोग को काफ़िर हैं। अब ज़रा हमलों पर नज़र डालिए...बेटाकलां कन्सर्ट हॉल पर हमले का मक़सद भी फ़्रांस के आम लोगों की जान लेना ही था. यहां लोग शुक्रवार की रात मनोरंजन कर रहे थे. इस हमले में रॉक संगीत को पसंद करने वाले 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई.
इस हमले ने फ़्रांस के कुछ लोगों को 2002 में मॉस्को के थिएटर पर हुए हमले की याद दिला दी. उस वक़्त चेचन विद्रोहियों ने एक लाइव शो के दौरान हमला किया था. हमले से निपटने की रूस की कार्रवाई के बाद 130 बंधकों और 40 हमलावरों की मौत हो गई थी.
हमले में आम लोगों को निशाना बनाया गया न कि पर्यटक स्थलों को. हमलों का एक पहलू स्पष्ट तौर पर `संस्कृति` है. उन जगहों को जान-बूझकर चुना गया. हमलावर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर गए और छुट्टी मनाने वाली जगहों पर जहां लोग आराम कर रहे होते हैं, वहां हमले किए गए.पेरिस में हुआ हमला सीधे तौर पर बेक़सूर नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया. इसका मक़सद अचानक ही ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान लेना था. एक हाई-प्रोफ़ाइल फ़ुटबॉल मैच को निशाना बनाना तो समझ में आता है. लेकिन खाना खाने की जगह पर तीन लोगों ने खुद को उड़ा लिया, यह असामान्य बात है नंबर-2-पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद साहब का कार्टून बनाना...उससे आतंकी ही नहीं बल्कि हर मज़हबे इस्लाम मानने वाले को न गवार गुज़रा हमले का तीसरा कारण सीरिया पर हो रहे हमलों में फ्रांस कका शामिल होना....जिहादियों के खिलाफ अमेरीकी फौज के साथ फ्रांस की फौजो का लड़ना ये भी हमले का सबब बना।
चौथा और आख़री पहलू ये है कि फ्रांस में जो मुस्लिम बहुल इलाक़े हैं उन इलाकों में बेरोज़गारी और शहरी सुख-सुविधाओं के अभाव के कारण मुस्लिम युवक `जिहाद` की ओर आकर्षित हुए. जानकारों का मानना है कि फ्रांस से 500 से ज़्यादा मुस्लिम लोग जिहादियों के साथ लड़ने के लिए सीरिया और इराक़ तक गए. किसी भी पश्चिमी देश से लड़ने जाने वालों की यह सबसे बड़ी संख्या है. यानि भुखमरी ने फ्रांसीसी मुसलमानों को जिहाद के साथ खड़ा कर दिया।