(अनवर चौहान की क़लम से तीखा प्रहार) मोदी सरकार हो या फिर कोई भी कट्टरपंथी हिंदू, बीफ का मुद्दा तो जमकर उछाला और सीधा टारगेट बनाया भारतीय मुसलमानों को। मगर इन लोगों को शायद ये नहीं मालूम कि भारत बीफ का गोश्त एक्सपोर्ट करने वाले मुल्कों की फेहरिस्त में दूसरे नंबर पर है। चलो मैं मान लेता हूं कि देश की अर्थव्यवस्था से ऊपर लोगों की भावनाऐं है। मगर मैं मोदी सरकार और हिंदू कट्टरपंथियों से एक सवाल पूछता हैं कि भारत में जितने चिडियाघर हैं उसमें रहने वाले बाघ, शेर और तेंदुओं को बीफ का मांस दिया जाता है। तो क्या अब उनको घास खिलाई जाएगी।
हाल ही में छत्तीसगढ़ के एक चिड़ियाघर में बीफ़ के लिये जारी किया गया टेंडर विवाद के कारण रद्द कर दिया गया है. यह बीफ़ बाघ, शेर और तेंदुओं को दिया जाना था लेकिन भाजपा और कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने इसका विरोध किया. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भिलाई इस्पात संयंत्र मैत्रीबाग चिड़ियाघर का संचालन करता है.कंपनी प्रबंधन का कहना है कि फिलहाल बीफ़ संबंधी इश्तेहार रद्द कर दिया गया है. अब प्रबंधन नए सिरे से विज्ञापन ज़ारी करेगा. तत्कालीन सोवियत संघ के साथ मैत्री की स्मृति में स्थापित इस चिड़ियाघर में कई मांसाहारी जानवरों को भोजन में अभी तक बीफ़ ही दिया जाता रहा है. बीफ़ दिये जाने के इस मामले पर विवाद तब शुरू हुआ जब भिलाई संयत्र प्रबंधन ने दो साल की बीफ़ सप्लाई के ठेके के लिए बुधवार को एक इश्तिहार दिया. छत्तीसगढ़ में गौमांस की बिक्री पर रोक है. इसलिए राज्य में बीफ़ की आपूर्ति अन्य राज्यों से होती है. वैसे तो देश के ज्यादातर चिड़ियाघरों में बाघ, सिंह और तेंदुए जैसे जाैनवरों को भोजन में बीफ़ ही दिया जाता है. लगभग एक लाख किलो बीफ़ की आपूर्ति की इस बात पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि बाघ, सिंह और तेंदुए को बीफ़ देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं ने भी `उग्र` आंदोलन की चेतावनी दी थी. केंद्रीय इस्पात मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने भी जानवरों को बीफ़ दिये जाने पर आपत्ति जताई थी. दूसरी तरफ, सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रजकिशोर गुप्ता का दावा है कि चिड़ियाघर के जानवरों को क्या खिलाना है क्या नहीं, ये स्थानीय तौर पर तय होता है. दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद गिद्ध या इंडियन स्टार टरटॉइज को भी खाने में बीफ़ ही दिया जाता है. गुप्ता का कहना है, "बाघ या शेर को मटन भी खिलाया जा सकता है और चिकन भी. नियम केवल इतना भर है कि उसे सही मात्रा में शुद्ध, पौष्टिक भोजन दिया जाए."
इन सरकारी चिड़ियाघरों में बाघों को दिया जाता है बीफ़
तिरुवनंतपुरम चिड़ियाघर, सेपाहिजाला बायोलॉजिकल पार्क, त्रिपुरा डॉ. शिवराम कारंत बायोलॉजिकल पार्क, पिलिकुला, कर्नाटक नेहरू जुलॉजिकल पार्क, हैदराबाद भगवान बिरसा जुलॉजिकल गार्डन रांची जयपुर चिड़ियाघर आरजी जुलॉजिकल पार्क पुणे व्हीजेबी उद्यान मुंबई