(अनवर चौहान)  नई दिल्ली । कांग्रेस भाजपा की क़बर खोदना चाहती थी। लेकिन अब उसकी खुद की क़बर खुदने जा रही है।  विवादों में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भाजपा नेतृत्व और सांसदों को भरोसा दिया है कि उनके तरकश में इतने तीर हैं कि सदन में बहस हुई तो कांग्रेस को मुंह दिखाने को जगह नहीं मिलेगी। उन्हों ने पार्टी नेताओं को भरोसा दिया है कि कांग्रेस को कुछ देर के अंदर तीर कर रख देंगे।  विपक्ष को छिपने की जगह नहीं मिलेगी। इसी के तहत उन्होंने जानकारी दी कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कई बार अपनी ही पार्टी के नेता और कोयला घोटाले में अभियुक्त संतोष बागरोडिया के लिए राजनयिक पासपोर्ट की पैरवी करते रहे हैं। उनका यह कहना भर था कि बाहर कांग्र्रेस की रणनीति बदलती देखी गई। संसदीय दल की बैठक में बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मुख्य भूमिका में थीं। लगभग 20 मिनट के भाषण में उन्होंने व्यापम व ललितगेट पर अपनी बात रखी और कहा कि दोनों मामलों में भाजपा का कोई नेता कानूनी, नैतिक या तकनीकी रूप से गलत नहीं है। सुषमा ने कहा, `सदन में चर्चा होगी तो वहां कांग्र्रेस के उस नेता का नाम भी बताऊंगी जिन्होंने बागरोडिया के लिए पैरवी की थी। चर्चा तो होने दीजिए, विपक्ष को चीर दूंगी। गौरतलब है कि संतोष बागरोडिया पूर्व कोयला राज्यमंत्री हैं, जिन्हें विगत मंगलवार को कोयला घोटाले में एक विशेष अदालत ने समन भेजा है। उन पर महाराष्ट्र के बांदर कोयला ब्लाक को एएमआर आयरन और स्टील प्राइवेट लिमिटेड को गलत तरह से देने का आरोप है। शाह व जेटली ने कहा, सिर ऊंचा कर दो जवाब : सुषमा की इस बात को वित्तमंत्री अरुण जेटली और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का भी समर्थन मिला। अमित शाह और अरुण जेटली ने सांसदों से कहा कि किसी भी बात पर झुकने की जरूरत नहीं है। हम सही हैं और सिर ऊंचा कर विपक्ष को जवाब देने का नैतिक बल भी रखते हैैं। कांग्रेस की रणनीति बदलने से भाजपा जोश में : इस बैठक के बाद ही बदली कांग्रेस की रणनीति ने पार्टी का जोश थोड़ा और बढ़ा दिया है। लिहाजा यह भी लगभग तय हो गया है कि सदन चलाने के लिए विपक्ष के किसी दबाव को नहीं माना जाएगा। विपक्ष की ओर से सदन नहीं चलने दी गई तो सीधे जनता को सच्चाई बताई जाएगी और कांग्रेस शासित राज्यों व नेताओं को भी बेनकाब किया जाएगा।