अनवर चौहान

दिल्ली समेत पूरे देश के गैंगस्टर अब आतंकियों की राह पर चलकर वारदात अंजाम देने लगे हैं। गैंगस्टरों ने न केवल वारदात का नया तरीका अपनाया है, बल्कि देश के बाहर भी लिंक बना रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गोल्डी बराड़ व अनमोल बिश्नोई इसके उदाहरण हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कुछ वर्षों से दिल्ली समेत पूरे देश के गैंगस्टर ने वारदात करने का नया तरीका अपना लिया है। अब गैंगस्टर जिसे मारना है, उसकी रेकी किसी और से करवाते हैं। हथियार कोई और लेकर आता है। हथियार एक जगह पर रख दिए जाते हैं। फिर हथियार कोई और उस जगह से लेकर जाता है।
शूटर कोई और होता है, गिरोह की आर्थिक मदद कोई और करता है। हत्या करने वालों को पनाह कोई और देता है। इससे एक वारदात में शामिल बदमाश एक-दूसरे को नहीं जान पाते। यही वजह है कि देश के गैंगस्टर दो गुटों में बंट गए हैं। आतंकी भी वारदात के लिए इसी तरह का तरीका अपनाते हैं। 
वारदात करने वालों की चेन तोड़ देते हैं गैंगस्टर
गैंगस्टर वारदात करते हैं तो ये उनकी चेन तोड़ देते हैं, ताकि पुलिस उन तक न पहुंच पाए। आखिर तक ये पता नहीं चलता कि किसने किसकी हत्या करवाई और कौन सा गिरोह शामिल है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में जिम मालिक नादिर शाह व मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्याएं यही तरीका अपनाकर की गई हैं। गैंगस्टर हत्या करने वाले शूटर को ये नहीं बताते कि किस की हत्या करनी है। ये इसलिए नहीं बताया जाता कि कहीं शूटर हत्या करने से मना न कर दे।
 
रोहिणी कोर्ट में कर दी थी हत्या
वर्ष 2016 में हरियाणा पुलिस की हिरासत से भागने के बाद जितेंद्र उर्फ गोगी अपने सबसे भरोसेमंद गुर्गों कुलदीप उर्फ फज्जा और रोहित उर्फ मोई के साथ 2020 में स्पेशल सेल की ओर से गिरफ्तार किए जाने से पहले दिनदहाड़े गोलीबारी की कई वारदात कर चुका था। मार्च 2021 में पुलिस की हिरासत से भागने वाले फज्जा को स्पेशल सेल ने मार गिराया। जितेंद्र की टिल्लू ताजपुरिया गिरोह के शूटरों ने रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी थी।
 
अब जबरन उगाही पर जोर रहता है

स्पेशल सेल के अनुसार दिल्ली समेत देश के गैंगस्टर अब जबरन उगाही की ज्यादा वारदात करने लगे हैं। उगाही के लिए इंटरनेट के जरिये कॉल कोई और करता है, धमकाने कोई और जाता है। उगाही नहीं देने पर हत्या कोई और करता है। दिल्ली में हाल ही में रंगदारी न देने पर हुई फायरिंग की तीन वारदातें इसका उदाहरण हैं।
नीरज सहरावत उर्फ नीतू उर्फ बवानिया (तिहाड़ में बंद) और बंबीहा गिरोह (पंजाब) गठजोड़

-   राजीव उर्फ काला असोदा (मारा गया)
-    दीपक उर्फ दीपा
-    नवीन बाली (दिल्ली), विकास उर्फ फौजी उर्फ भोला
-    राहुल उर्फ काला, अजय उर्फ अजय असोदा (बल्लभगढ़), भूपेंद्रर उर्फ
भूपी (झज्जर)
-    नवीन उर्फ बाली(दिल्ली), विकास उर्फ फौजी (दिल्ली)
-    हरविंदर उर्फ सोना उर्फ सीएनजी (दिल्ली)
-    राजकुमार उर्फ भांबा (दिल्ली)
-    राहुल उर्फ काला, रवि उर्फ मोंटा
-    प्रवेश मान उर्फ सागर, साहिल दहिया, गौरव त्यागी, अजय मान, नरेंद्र मान
-   नवीन उर्फ भांजा (दिल्ली), अर्जुन, नसीम सिंह, आर्यन
जिगरी दोस्त बन गए थे दुश्मन
पिछले कुछ वर्षों में जिगरी दोस्त रहे अलीपुर, दिल्ली निवासी जितेंद्र उर्फ गोगी व ताजपुर, दिल्ली निवासी सुनील उर्फ टिल्लू पहलवान (दोनों मारे गए) ने भी अपना नाम बनाया। प्रतिद्वंद्विता और वर्चस्व की लड़ाई की यह कहानी पांच साल पहले शुरू हुई थी। सुनील और जितेंद्र कुछ साल पहले तक गहरे दोस्त हुआ करते थे। दोनों दोस्ती और काम को अलग-अलग रखना जानते थे।दोनों दबंग थे और रंगदारी व गुंडागर्दी के धंधे में थे, इसलिए कहीं न कहीं हितों का टकराव था। फिर भी दोस्ती थी, लेकिन 2013 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव के दौरान दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। वर्चस्व को लेकर प्रतिद्वंद्वियों के बीच कई बार झड़प हुई, जिसमें निर्दोष राहगीरों समेत कई लोगों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। तिहाड़ में कुछ माह पहले सुनील की हत्या कर दी गई थी।
गोगी गिरोह से जुड़े गैंग
नीतू दाबोदिया (मुठभेड़ में मारा गया), दीपक (सोनीपत), दीपक बॉक्सर (हरियाणा), रोहित राणा उर्फ मोई (सोनीपत), योगेश उर्फ टुंडा (दिल्ली), कुलदीप उर्फ फज्जा (दिल्ली), दिनेश माथुर (दिल्ली), बबलू उर्फ गंजा (दिल्ली), कर्मबीर उर्फ काजू, दीपक डबास उर्फ तीतर (दिल्ली), मोहित, गुलशन भारद्वाज उर्फ गुल (दिल्ली), कपिल उर्फ गौरव।
हाशिम बाबा गिरोह
शाहरुख, इबल हसन, डैनी, बॉबी उर्फ कबूतर, राशिद उर्फ राशिद केबलवाला, अनवर उर्फ चाचा।