अनवर चौहान

नई दिल्ली,  फिल्म अभिनेत्री के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी  महाराणा प्रताप सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यवर्धन परमार को बुधवार को महाकाल मंदिर से पकड़ा गया। उसे बृहस्पतिवार को दिल्ली में कोर्ट में पेश किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने अभिनेत्री का कोर्ट में बयान होने के बाद प्राथमिकी में दुष्कर्म की धारा जोड़ दी है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अभिनेत्री के आरोपों से इन्कार किया है। इससे पहले, एफआईआर दर्ज होने के बाद यूपी सरकार ने यूपी भवन में तैनात तीन अफसरों दिनेश कारुष, राकेश चौधरी और पारस को निलंबित कर दिया था।


दक्षिण व गुजरात की फिल्मों में अभिनय करने वाली अभिनेत्री ने मध्य जिले के प्रसाद नगर थाने में शिकायत कर बताया कि यूपी भवन में उसके साथ वारदात हुई। लिहाज़ा शिकायत को चाणक्यपुरी थाने में भेज दिया गया। शिकायत में कहा कि वह हरदोई में एक दोस्त के कहने पर राज्यवर्धन सिंह परमार से मिली। उसने भाजपा के एक बड़े नेता को अपना ताऊ बताया। आरोपी पीड़िता को यह कह कर 26 मई को यूपी भवन ले गया कि वहां एक राष्ट्रीय पार्टी के दो बड़े नेता हैं जिनसे वह उसकी मुलाकात कराएगा। जब वे यूपी भवन के कमरा नंबर 122 में पहुंचे तो वहां कोई नहीं था। शिकायत के अनुसार, इसके बाद आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया। प्राथमिकी दर्ज होने पर आरोपी परिवार समेत फरार हो गया। पुलिस को उसकी मोबाइल लोकेशन मध्यप्रदेश में मिली। पता चला कि परमार पूरे परिवार के साथ महाकाल मंदिर में छिपा है, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यूपी भवन का कमरा नंबर 122 सील
चाणक्यपुरी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यूपी भवन का कमरा नंबर 122 सील कर दिया गया है। पुलिस को अभी शुरुआती जांच में रिसेप्शन पर तैनात पारस नाथ और राकेश सिंह पर शक जा रहा है। परमार को कमरा देने पर दोनों को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा अधिकारी दिनेश कुमार को भी सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस मामले में सीएम योगी ने एक्शन ले लिया है। सोमवार को घटना की जानकारी सीएम योगी को मिली थी जिसके बाद तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई।
सीएम योगी ने लिया एक्शन
जानकारी के लिए बता दें कि सीएम योगी ने जिन तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है उनमें व्यवस्था अधिकारी दिनेश कारूष, राकेश चौधरी और पारस को एक मामले में सस्पेंड किया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी भवन के आरसी और एआरसी पर भी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में सीएम और राज्यपाल की ओर से कार्रवाई किए जाने के बाद राजीव तिवारी को यूपी भवन की जिम्मेदारी मिली है।
दो नेताओं से मिलवाने के बहाने दुष्कर्म को दिया अंजाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली व मुंबई में रहने वाली अभिनेत्री ने चाणक्यपुरी थाना पुलिस को 27 मई को शिकायत दी थी। उसने शिकायत में कहा कि दो नेताओं से मिलाने की बात कहकर राज्यवर्धन सिंह उसे यूपी भवन ले गए। वहां स्वागत पटल पर राकेश चौधरी और पारस मौजूद थे। इन लोगों ने आरोपी को कमरा उपलब्ध कराया। बताया जा रहा है कि आरोपी राज्यवर्धन सिंह परमार उन लोगों की सूची शामिल नहीं है, जिन्हें यूपी भवन में कमरा आवंटित किया जाए। आरोपी व पीड़िता 26 मई को 1.05 बजे कमरे में गए। 27 मई की शाम को युवती ने परमार के खिलाफ थाने में शिकायत दी। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए गए। पुलिस सबूत जुटाने में लगी है।
अधिकारियों को किया गया निलंबित
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दुष्कर्म की इस घटना के बाद व्यवस्था अधिकारी और स्वागत पटल पर मौजूद राकेश चौधरी और पारस नाथ को निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं। यूपी के मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव एसपी गोयल की तरफ निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं। इन पर आरोप है कि 26 मई को राज्यवर्धन सिंह परमार को गलत तरीके से कमरा दिया गया।
जानें क्या है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार को यूपी भवन में कमरा नंबर 122 दिखाया गया। जिसके बाद वह 26 मई को दोपहर के समय एक अज्ञात महिला को लेकर इस कमरे में आए और आधे घंटे ठहरने के बाद चले गए। इसके बाद इस महिला ने चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत कर दी।