वरिष्ठ पत्रकार अनवर चौहान
नई दिल्ली:ग़लती और सीना ज़ोरी दिखा रही है नरेंद्र मोदी की ईडी। बेशर्मी की हद देखिए कि अलग-अलग अदालत में दाखिल किए गए आरोप पत्र में ईडी कह रही है कि आप पार्टी के सांसद संजय सिंह का नाम ग़लती से दर्ज हो गया। दिल्ली शराब घोटाला और ईडी की चार्जशीट मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच तनातनी जारी है। AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का दावा है कि ईडी ने उनका नाम गलती से चार्जशीट में डाला है, इस गलती के लिए ईडी ने उनसे माफी भी मांगी है। और दूसरी तरफ ईडी ने संजय सिंह के तीन क़रीबियों के यहां लगातार छापे मारे की है। जब संजय का नाम गलती से लिखा गया तो फिर ये क्या है। क्या संजय सिंह को फंसाने की फिर कोशिश कर रही है ईडी। उधर बीजेपी संजय सिंह पर लगातार हमलावर है। बीजेपी का कहना है कि `संजय सिंह झूठ बोल रहे हैं। दिल्ली आबकारी मामले में ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह का नाम है। यह नाम गलती से नहीं डाला गया है।` बीजेपी की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी का कहना है कि आम आदमी पार्टी झूठ फैलाने का प्रयास करती है और कभी भी उन सवालों का सीधा जवाब नहीं देती है जो इनसे पूछे जाते हैं। लेखी ने कहा कि `जांच एजेंसी ईडी की दूसरी चार्जशीट में चार जगह संजय सिंह का नाम आया है। इसमें से तीन जगह संजय सिंह का नाम ठीक है। एक जगह गलती से ईडी ने इसमें राहुल सिंह की जगह संजय सिंह का नाम लिखा दिया था, जो कि ईडी की तरफ से टाईपिंग एरर था।`
`ईडी ने कोर्ट से मांगी थी गलती ठीक करने की अनुमति`
लेखी ने कहा कि `ईडी को जैसे ही अपनी गलती का पता लगा उसने 20 अप्रैल को खुद से ही अदालत को इसकी जानकारी देते हुए इस गलती को ठीक करने की अनुमति मांगी, लेकिन इस तथ्य को छुपाते हुए संजय सिंह ने 22 अप्रैल को मानहानि का नोटिस दिया और अब आप नेता यह झूठा प्रचार कर रहे हैं कि ईडी ने माफी मांगी है।` मीनाक्षी लेखी ने आप नेताओं पर सवालों का सीधा जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए यह पूछा है कि ईडी की माफी की मांग को लेकर झूठ फैलाने वाले संजय सिंह यह बताएं कि दिनेश अरोड़ा के जरिए रेस्टोरेंट मालिकों से 82 लाख रूपया लिया था या नहीं ?
लेखी का केजरीवाल पर हमला
लेखी ने केजरीवाल की ओर से कराए गए अपने बंगले के सौंदर्यीकरण को नैतिक और कानूनी दोनों रूप से गलत बताते हुए यह भी कहा कि यह नैतिक दोगलापन और कानून के उल्लंघन का मामला है। एक तरफ केजरीवाल ने कहा था कि मैं बहुत साधारण जिंदगी बिताऊंगा और कुछ नहीं लूंगा लेकिन इन्होने खुद के लिए 7-स्टार सुविधाएं बनाने का काम किया। इन्होने कोविड के ऐसे समय पर 45 करोड़ रुपये खर्चे किए जब एक-एक रुपया बचाने की जरूरत थी। डीयूएसी से इन्होने कोई अनुमति नहीं ली, 45 करोड़ रुपये का कोई टेंडर नहीं निकाला, तमाम नियम और कायदे-कानून का उल्लंघन करते हुए यह काम किया जो कि अपने आप में एक घोटाला है।