अनवर चौहान
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना से दस मरीजों की मौत हो गई, जबकि 2136 नए मामले मिले है। राहत की बात है कि 2623 को स्वस्थ होने पर अस्पताल व होम आइसोलेशन से छुट्टी दी गई। बृहस्पतिवार को 14225 मरीजों की कोरोना जांच की गई।
संक्रमण दर 15.02 फीसदी रही। अब तक 19, 80402 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 1945692 मरीज़ स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में कोरोना से मृत्यु दर 1.33 फीसदी है। विभाग के अनुसार दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस घटकर 8343 हो गए। इनमें से होम आइसोलेशन में 5676 और अस्पताल में 531 मरीज़ भर्ती है। अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 177 आईसीयू पर, 143 ऑक्सीजन सपोर्ट पर और 15 वेंटिलेटर पर भर्ती हैं। दिल्ली में बढ़ते मामलों के बीच हॉटस्पॉट की संख्या बढ़कर 283 हो गई हैं।
मेट्रो मेें रोज कोरोना नियमों के उल्लंघन के औसतन 150 मामले
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने भी नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई तेज कर दी है। 10 अगस्त तक मास्क नहीं पहनने और कोरोना नियमों के उल्लंघन पर 1588 यात्रियों को जुर्माना किया गया। चार अगस्त को सर्वाधिक 218 यात्रियों पर कार्रवाई की गई। नियमों का उल्लंघन करने के मामले में रोजाना औसतन 150 से अधिक यात्रियों को जुर्माना किया जा रहा है। ब्यूरो
688 केंद्रों पर चल रहा है टीकाकरण
दिल्ली में टीकाकरण के लिए सरकार ने निजी व सरकारी केंद्रों पर व्यवस्था की है। कुल 688 केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है। इसमें से 624 सरकारी व 64 निजी केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है।
दूसरी की तुलना में सिर्फ 15% लोगों ने ली एहतियाती खुराक
एहतियाती खुराक लेने में लोगों की दिलचस्पी कम देखने को मिल रही है। यही वजह है कि दूसरी खुराक लेने वालों की तुलना में सिर्फ 15 फीसदी लोगों ने ही एहतियाती खुराक ली है।
वर्तमान में दिल्ली में संक्रमण दर 14 फीसदी से अधिक है। वहीं, दूसरी खुराक लेने वाले लोगों का आंकड़ा 15473175 है, जबकि एहतियाती खुराक लेने वाले लोगों की संख्या 23,49,621 है। केंद्र ने जनवरी के पहले सप्ताह में एहतियाती खुराक शुरू की थी। हालांकि, शुरुआत में यह स्वास्थ्य कर्मचारियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी व 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए शुरू किया था। वहीं, दिल्ली सरकार ने 21 अप्रैल से दिल्ली में विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती खुराक को निशुल्क कर दिया था।
लोकनायक अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि अब कोरोना के हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इस वजह से लोग टीके के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। कोरोना की शुरुआत में इसके गंभीर लक्षण देखने को मिले थे। इस वजह से पहली व दूसरी खुराक लेने वाले लोगों की संख्या अधिक है।
वहीं, जीटीबी अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि कोरोना के पूर्व के लक्षणों को देखें तो सांस फूलने के साथ-साथ बुखार व अन्य तरह की समस्याएं देखने को मिल रही थी, लेकिन अब लोगों को हल्का, बुखार व खांसी और जुकाम होता है, जो कि कुछ दिनों में ही ठीक हो जाता है।