अज़हर चौहान
अदालत ने दिल्ली दंगे के दौरान हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाले शाहरुख पठान के खिलाफ हत्या का प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है। अदालत ने आरोपी पठान सहित पांच के खिलाफ अभियोग तय करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के ठोस साक्ष्य हैं। अदालत ने आरोपी के उस तर्क को खारिज कर दिया कि उसका इरादा हेड कांस्टेबल दीपक दहिया की हत्या का नहीं था ऐसे में उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला नहीं बनता।
दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानने की पठान की तस्वीर पिछले साल सांप्रदायिक दंगे के दौरान सोशल मीडिया पर नजर आई थी। उसे तीन मार्च 20 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि यह बेहद स्पष्ट है कि पठान ने दंगाइयों के एक समूह का नेतृत्व किया और 24 फरवरी 20 को दहिया के जीवन को खतरे में डाला। इतना ही नहीं उसने एक सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाई और आपराधिक शक्ति का इस्तेमाल किया।
अदालत ने पठान के खिलाफ दंगा करने, दंगे में घातक हथियार का प्रयोग, सरकारी कर्मचारी को कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाने, लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा, हमला करने, हत्या का प्रयास सहित अन्य विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए हैं।
आरोपी ने गुनाह कबूलने से अदालत में किया इनकार
अदालत के पूछने पर आरोपी पठान ने अपना अपराध स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह निर्दोष है और वह मुकदमे का सामना करेगा। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपी के खिलाफ गवाह पेश करने का निर्देश दिया है ताकि मुकदमा शुरू किया जा सके।
पठान ने सुनवाई के दौरान इस आधार पर धारा 307 और 188 वापस लेने का आग्रह किया कि उसका पुलिसकर्मी की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था और उसे सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बारे में जानकारी नहीं थी।
अदालत ने नहीं मानी शाहरुख के वकील की दलील
अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि दहिया के बयान से स्पष्ट है कि पठान ने उनके सिर पर बंदूक तान दी और गोली चलाई लेकिन वह बचने में सफल रहे। अदालत ने कहा कि आरोपी के वकील की यह दलील कि पठान ने पुलिसकर्मी को मारने की कोशिश नहीं कि बल्कि हवा में गोली चलाकर डराने की कोशिश की यह दहिया के बयान और वीडियो फुटेज के मद्देनजर धारा हटाने का आधार नहीं हो सकता है।
अदालत ने कहा आमतौर पर ट्रिगर को फायर करने या खींचने के बाद एक झटका लगता है और झटके के कारण हाथ और पिस्तौल ऊपर उठ जाते हैं। इस प्रकार यहां तक कि वीडियो में हेड कांस्टेबल दीपक दहिया को मारने के उद्देश्य से आरोपी शाहरुख पठान द्वारा दिन के उजाले में पिस्टल से फायरिंग करते हुए देखा गया है। उन्होंने आरोपी के वकील की इस दलील पर भी आपत्ति जताई कि पहली फायरिंग के बाद पठान के पास दहिया को मारने का दूसरा मौका था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि उसका इरादा नहीं था।
अदालत ने पठान के अलावा मामले में चार अन्य आरोपियों कलीम अहमद, इश्तियाक मलिक, शमीम और अब्दुल शहजाद के खिलाफ भी आरोप तय किए। दिल्ली में फरवरी, 2020 में दंगे के दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी।