अज़हर चौहान
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कपिल सांगवान उर्फ नंदू गिरोह के शूटर दीपक धनकर (27) को गिरफ्तार कर कोर्ट में होने वाली हत्या की एक और वारदात को रोक दिया है। दीपक धनकर अपने गिरोह के सदस्यों के साथ विरोधी गिरोह के सरगना मंजीत महाल की कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या करने की साजिश रच रहा था। इसने मंजीत महाल के पिता श्रीकृष्ण की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी।
हत्या के इस मामले में ये जमानत मिलने के बाद छह महीने से फरार चल रहा था। इसके पास से एक स्वचालित पिस्टल व पांच कारतूस बरामद किए गए हैं। आरोपी शूटर के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती व एक्सर्टोशन आदि के छह से ज्यादा मामले दर्ज हैं। स्पेशल सेल डीसीपी जसमीत सिंह के अनुसार सेल में तैनात इस्पेक्टर शिव कुमार को तीन दिसंबर को सूचना मिली थी कि शूटर दीपक धनकर सेलेरियो कार में ककरोला गांव, दिल्ली में आएगा।
एसीपी अत्तर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर शिव कुमार, कर्मवीर सिंह व एसआई राजेश की टीम ने गांव के पास घेराबंदी की। कार से यहां पहुंचे आरोपी ने पुलिस टीम को देखकर पिस्टल निकाल ली, तभी पुलिस टीम ने नजफगढ़, दिल्ली निवासी दीपक धनकर पकड़ लिया। दीपक धनकर कुख्यात कपिल सांगवान गैंग का बेहद खूंखार सदस्य है। इस गिरोह की मंजीत महाल से रंजिश चल रही है। मंजीत महल, नफे उर्फ मंत्री, धर्मेंद्र व उनके अन्य साथियों ने दिसंबर, 2015 में कपिल सांगवान के जीजा सुनील उर्फ डॉक्टर की हत्या कर दी थी।
इसका बदला लेने के लिए कपिल सांगवान के नेतृत्व में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों ने अंधाधुंध फायरिंग कर मंजित महाल के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। नफे उर्फ मंत्री और उनकी पत्नी और मां को उसी दिन उनके नजफगढ़ स्थित घर में गंभीर रूप से घायल कर दिया। कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने अपने साथियों के साथ मंजीत महल के सहयोगी धर्मेंद्र के पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गिरोह की कमान संभाल ली थी
कपिल सांगवान की गिरफ्तारी के बाद कृष्ण उर्फ अंकुश उर्फ भालू और दीपक धनकर ने गिरोह की कमान संभाली थी। दोनों अपने अन्य साथियों अनिल पोडी और दीपक मान की मदद से एक स्कॉर्पियो कार में आए थे और कपिल सांगवान उर्फ नंदू के कहने पर 29 जनवरी, 2017 को गांव मित्रांव दिल्ली में मंजीत महल के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गैंगवार में आठ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है
दक्षिण पश्चिम दिल्ली में कपिल सांगवान और मंजीत महल के गिरोहों के बीच पिछले छह वर्षों के दौरान गैंगवार में अब तक आठ से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बाबा हरिदास नगर थाने से संबंधित मंजीत महल के पिता की हत्या के मामले में दीपक धनकर अंतरिम जमानत पर था। 13 मई को 21 जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद भी आत्मसमर्पण नहीं किया और वह तब से फरार था। कोर्ट ने नौ नवंबर, 21 को दीपक धनखड़ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।