अनवर चौहान
एक तरफ हिंदूराव अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को उपचार मिलने में काफी परेशानियां हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर इस प्रदर्शन को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम प्रशासन ने भी चुप्पी साध ली है। हालात ऐसे हैं कि वेतन न मिलने की वजह से डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है लेकिन समाधान को लेकर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को दिन भर अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए। डॉक्टरों का साफ कहना है कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा तब तक किसी भी हालत में वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। डॉक्टरों की यहां तक मांग है कि नगर निगम और दिल्ली सरकार की आपसी राजनीति की वजह से उनका हर बार शोषण होता है। दोनों ही राजनैतिक पार्टियां अपने स्वार्थ के चलते डॉक्टर व मरीजों से खिलवाड़ कर रही हैं।
अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के डॉ. अंकिष चौधरी बताते हैं कि बीते दो दिन में अस्पताल प्रबंधन की ओर से बैठकें की जा रही हैं लेकिन नगर निगम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। अधिकारी मौखिक तौर पर ही दिलासा देकर हड़ताल खत्म करने के लिए कह रहे हैं लेकिन इस बार उन्हें किसी पर विश्वास नहीं है। हर साल अधिकारी इसी तरह की धोखाधड़ी करके कर्मचारियों के साथ फिर से वही व्यवहार करने लगते हैं।
बहरहाल डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। ओपीडी में दूसरे दिन भी वरिष्ठ डॉक्टर मरीजों की देखभाल कर रहे थे लेकिन संख्या अधिक होने की वजह से ओपीडी में शाम तक मरीजों को इंतजार करना पड़ा। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार अभी आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित नहीं किया गया है लेकिन आगामी दिनों में डॉक्टर सभी सेवाओं से पीछे हट सकते हैं।
आज से नर्स भी होगीं डॉक्टरों के साथ
हिंदूराव अस्पताल की नर्सिंग यूनियन ने बुधवार से डॉक्टरों के साथ हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। यूनियन के अनुसार पिछले पांच महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति हो चुकी है उन्हें भी अब तक निगम से कोई सहायता नहीं मिली है और न ही इन रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां की गई हैं। ऐसे में अस्पताल की नर्स कर्मचारियों ने भी डॉक्टरों के साथ मिलकर काम छोड़ प्रदर्शन पर बैठने का फैसला लिया है।