इंद्र वशिष्ठ

कोरोना महामारी के दौर में एक ओर जहां डाक्टरों ने अपने दवाखाने/ क्लीनिक बंद किए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर बिना डिग्री वाले नक़ली/ झोला डाक्टर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। कोरोना हॉट स्पॉट  घोषित इलाके के ऐसे ही एक नक़ली डाक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डाक्टर गिरीश त्यागी ने बताया कि डाक्टरों से क्लीनिक खोलने की अपील की गई है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार एवं सचिव डाक्टर गिरीश त्यागी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में ग़रीब और जरुरतमंदों मरीजों की  मदद के लिए डाक्टरों को अपने क्लीनिक खोलने चाहिए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक एहतियाती उपाय के साथ मरीजों का उपचार करने के लिए संकट के इस समय में डाक्टरों को आगे आना चाहिए। ऐसा करने से महामारी के इस दौर में नक़ली झोलाछाप डाक्टरों को मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का मौका नहीं मिलेगा।

तीस हजार झोलाछाप डाक्टर कानून से बेख़ौफ़ -

डाक्टर गिरीश त्यागी ने बताया कि  दिल्ली में लगभग तीस हजार बिना डिग्री वाले झोलाछाप/ नक़ली डाक्टर होने का अनुमान हैं जो महामारी के दौर में भी कानून से बेख़ौफ़ होकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। 


डीपीसीसी ने नहीं की कार्रवाई-

इन झोलाछाप डाक्टरों ने बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए डीपीसीसी के पास रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया है। डीएमए ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीपीसीसी को सूची भी दी थी लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई डीपीसीसी एक्ट के तहत नहीं की गई।
डीएमए ने सभी संबंधित विभागों से कहा है कि पूरी दिल्ली में फैले हुए ऐसे झोलाछाप डाक्टरों का पता लगाए, दवाखाने सील कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।


झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ FIR दर्ज़-

कोरोना हॉट स्पॉट घोषित इंद्र पुरी के बुध नगर में दिल्ली सरकार के नई दिल्ली जिला के नोडल अधिकारी एसडीएम डाक्टर नितिन को ऐसा ही  एक नक़ली डाक्टर मिला।  जिसके पास कोई डिग्री नहीं है। उसके पास से मरीज़ को सांस लेने में तकलीफ में दी जाने दवा (deriphyline) भी मिली। यह दवा कोरोना के लक्षण वाले मरीज़ को भी दी जाती है। इसके अलावा वह स्टेरायड भी दे रहा था। 


डिग्री की बजाय विजिटिंग कार्ड दिखाया-

दवाखाने में मौजूद व्यक्ति ने डिग्री मांगने पर एक विजिटिंग कार्ड दिखाया जिस पर किसी डाक्टर आर के शर्मा का नाम लिखा हुआ था। दुकान में मौजूद व्यक्ति ने बताया कि वह डाक्टर शर्मा की ओर से मरीजों को दवा देता है। नोडल अधिकारी ने दवाखाने में मौजूद व्यक्ति से कहा कि आर के शर्मा को  डिग्री लेकर दफ्तर में भेज देना।  लेकिन शर्मा नहीं आया। इस नाम के डाक्टर के रजिस्ट्रेशन का कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला।


एसडीएम ने इंद्र पुरी थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, महामारी बीमारी एक्ट, तालाबंदी के आदेश के उल्लंघन, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, दिल्ली मेडिकल काउंसिल एक्ट आदि कानून के तहत  एफआईआर दर्ज कराई और उस दवा खाने को  बंद कराया। एसडीएम ने पूरे इलाके में ऐसे डाक्टरों का पता लगा कर कार्रवाई करने का आदेश भी जारी कर दिया। एफआईआर नंबर 271/4-5-2020