अनवर चौहान

दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 65 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया। 2015 के दौरान यह बजट सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपये का था। अपने बजट भाषण में राजधानीवासियों के लिए अनेक जनहित की योजनाओं का ऐलान किया। छठी बार बजट पेश करते हुए हर बार की तरह इस बार भी मनीष सिसोदिया ने शिक्षा, चिकित्सा और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी व्यवस्था पर जोर देते हुए इनमें और सुधार के लिए कई कदम उठाए जाने की बात कही है। वित्त मंत्री ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाने पर जोर देते हुए इसके लिए कई नए काम शुरू किए जाने का भी विश्वास दिलाया।सबसे खास बात यह है कि नए वित्त वर्ष से दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने की मंजूरी देने जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार दिल्लीवासियों को अलग से हेल्थ कार्ड भी जारी करेगी। 
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार PISA द्वारा दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का आकलन कराएगी, ये दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर लाने में मदद करेगी। वहीं, अब तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 20 हजार कमरों का निर्माण हुआ है। मैं 17 नई स्कूल बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव सदन के समक्ष रखता हूं।
दिल्ली सरकार आगामी सत्र से दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त अखबार भी देगी। इनके अलावा इंग्लिश स्पीकिंग और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।वित्त मंत्री ने अगले दिल्ली में 145 नए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत दिल्ली के सभी 29 एजुकेशन जोन में 5-5 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे। 
इसके साथ ही दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में अनेक विकास कार्यों को कराए जाने का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कई नए काम भी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है। मैं दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि इस महामरी से लड़ने के लिए हम बजट में कोई कमी नहीं आने देंगे। वर्तमान में इसके लिए दिल्ली सरकार ने 50 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इसमें जरूरत पड़ने पर आगे और बढ़ाया जाएगा।