अनवर चौहान
चालान कटने के डर से 2019 में 2018 की तुलना में 46 हजार लोगों के अधिक लाइसेंस बने हैं। वहीं अभी भी दस हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं, जिनके टाइम स्लॉट अगले वर्ष के मिले हैं। वर्ष 2019 में एक लाख 22 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बने हैं। इसमें अधिकांश वह लोग हैं, जो 10-15 साल से बिना लाइसेंस के वाहन चला रहे थे।
ट्रैफिक नियमों के अनुसार, वाहन चलाते समय चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना आनिवार्य है, लेकिन इसमें कुछ लोग लापरवाही भी बरतते थे। कुछ लोग बिना डीएल के गाड़ी चलाते हैं। इसमें कुछ नौसिखिया और नाबालिग किशोर होते हैं। इससे उनकी और सड़कों पर चलने वाले अन्य लोगों की जान को खतरा रहता है। यातायात नियम के अनुसार 18 वर्ष से अधिक उम्र, प्रशिक्षित और स्वस्थ व्यक्ति का वाहन चला सकता है।
अप्रैल 2019 में प्रदेश सरकार की ओर से यातायात नियमों के नियमों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना शुल्क में दो से तीन गुनी बढ़ोतरी कर दी थी। वहीं सितंबर माह में केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने में जुर्माना शुल्क पांच गुना बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है, जिसको लेकर लोग अधिक सतर्क हो गए। इसको लेकर लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों की मारामारी शुरू हो गई। लाइसेंस के आवेदन एक साथ बढ़ने से लाइसेंस की वेबसाइट भी प्रभावित हो गई थी।
अभी भी औसतन एक दिन में एक हजार से अधिक लोग आवेदन कर हैं। इस कारण निर्धारित तिथि का मिलने वाला टाइम स्लॉट भी रुक गया और अधिकांश लोगों को वह नहीं मिल पा रहा। इसके चलते परिवहन विभाग ने टाइम स्लॉट को 240 से बढ़ाकर 400 कर दिया है।
आंकड़ा एक लाख के पार
अभी तक गाजियाबाद में एक साल में औसतन 50 से 60 हजार लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनते थे।वहीं इस वर्ष सभी सालों का रिकॉर्ड टूट गया। इस साल गाजियाबाद परिवहन विभाग में इस वर्ष 10 दिसंबर को ही एक लाख लाइसेंस बनने का आंकड़ा पार हो गया था। एक दिन में औसतन 450-500 लाइसेंस बनते हैं, जिसमें लर्निंग, रिन्यूअल लाइसेंस हैं।
केंद्र सरकार की ओर से एक सितंबर से प्रमशन शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई थी। हालांकि यह गाजियाबाद में लागू नहीं हुआ। गाजियाबाद में प्रदेश सरकार की ओर से अप्रैल माह में जुर्माना शुल्क में बढ़ोतरी की थी। लोगों ने लाइसेंस बनवाने शुरू कर दिए। सितंबर माह में लाइसेंस आवदेनों की संख्या दोगुनी बढ़ गई थी।
`लोगों में लाइसेंस के प्रति जागरूकता अधिक बढ़ रही है। वहीं चालान के डर से लोग डीएल बनवा रहे हैं। जो लोग अभी बिना डीएल के वाहन चला रहे थे। उन्होंने भी 2019 में डीएल बनवाए हैं।`` -विश्वजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन
केंद्र सरकार की ओर से एक सितंबर से प्रमशन शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई थी। हालांकि यह गाजियाबाद में लागू नहीं हुआ। गाजियाबाद में प्रदेश सरकार की ओर से अप्रैल माह में जुर्माना शुल्क में बढ़ोतरी की थी। लोगों ने लाइसेंस बनवाने शुरू कर दिए। सितंबर माह में लाइसेंस आवदेनों की संख्या दोगुनी बढ़ गई थी।
`लोगों में लाइसेंस के प्रति जागरूकता अधिक बढ़ रही है। वहीं चालान के डर से लोग डीएल बनवा रहे हैं। जो लोग अभी बिना डीएल के वाहन चला रहे थे। उन्होंने भी 2019 में डीएल बनवाए हैं।`` -विश्वजीत सिंह, एआरटीओ प्रशासन