इंद्र वशिष्ठ
तिहाड़ जेल से एक कैदी को अदालत के आदेश के बिना ही छोड़ देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसके अलावा जेल अफसरों की मिलीभगत से कैदियों की बाहरी लोगों से मुलाकात कराने का भी खुलासा हुआ है। इन मामलों में शामिल जेल के एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट को नौकरी से निकाला गया है।
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने जेल सुपरिटेंडेंट जगदीश सिंह को नौकरी से निकालने के आदेश दिए। जगदीश सिंह के खिलाफ की गई विभागीय जांच में यह पाया गया कि जगदीश सिंह ने अदालत के उचित आदेश के बिना ही एक कैदी को जेल से रिहा कर दिया।
इसके अलावा जांच में यह भी पाया गया कि जगदीश सिंह कैदी की गैरकानूनी तरीके से बाहरी लोगों से मुलाकात भी करवाता था। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर जगदीश सिंह को नौकरी से निकालने के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सज़ा दी गई।
सरकारी धन का गबन-
एक अन्य मामले में स्वास्थ्य विभाग के स्टोर परचेज सुपरवाइजर कृष्ण माहली को भी मुख्य सचिव ने नौकरी से निकालने के आदेश दिए हैं। कृष्ण माहली को विभागीय जांच में सरकारी धन के गबन/अनियमितता का दोषी पाया गया।
कृष्ण को अस्पतालों के स्टोर के लिए करीब 47 लाख की कंज्यूमबेल आइटम की ख़रीद मामले में अनियमितता/गबन का दोषी पाया गया। कृष्ण को भी नौकरी से निकालने के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सज़ा दी गई।
इस मामले से यह साबित हो गया है कि तिहाड़ जेल में बंद रसूखदार/ दबंग कैदी पैसे के दम पर जेल अफसरों की मिलीभगत से मनचाही सुख-सुविधा हासिल कर लेते हैं।
डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने बिना आदेश के कैदी को रिहा करके अपराध किया है इसलिए डिप्टी सुपरिटेंडेंट के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाना चाहिए।
इसी तरह करीब 47 लाख की खरीदारी के मामले में सुपरवाइजर द्वारा सरकारी धन का गबन/अनियमितता के मामले में भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।