इंद्र वशिष्ठ
एक ओर साइबर क्राइम के मामले दिनों-दिन बढ़ रहें हैं। दूसरी ओर साइबर क्राइम के मामलों को सुलझाने में दिल्ली पुलिस का साइबर क्राइम सेल चींटी की चाल चल रहा है। साइबर क्राइम सेल साल 2018 में साइबर
क्राइम के सिर्फ 26 मामलों की ही जांच पूरी कर पाया है। नवंबर 2018 तक साइबर क्राइम के 160 मामले साइबर क्राइम सेल में दर्ज हुए थे। इनमें सिर्फ 26 मामलों की जांच पूरी हुई है। 5 मामले कैंसल/अनट्रेस हुए हैं।
पिछले तीन साल में साइबर क्राइम सेल में 465 मामले दर्ज हुए हैं। जिनमें साइबर क्राइम सेल सिर्फ 102 मामलों की ही तफ्तीश अब तक पूरी कर पाया हैं। इस तरह पुलिस साइबर क्राइम के सिर्फ 22 फीसदी मामलों की जांच पूरी कर पाई हैं।
राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने बताया कि दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने साल 2016 में 138 , साल 2017 में 167, नवंबर 2018 तक 160 मामले साइबर क्राइम के दर्ज किए। साइबर क्राइम सेल ने साल 2016 में 31, साल 2017 में 45 और साल 2018 मे साइबर क्राइम के 26 मामलों की ही जांच पूरी की है।
साइबर क्राइम से निपटने और मामलों की तफ्तीश के लिए साइबर क्राइम सेल में पर्याप्त पुलिस कर्मी भी नहीं है। साइबर क्राइम सेल में सभी रैंक के कुल 205 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री हंस राज गंगा राम अहीर ने बताया कि जांच लंबित होने संबंधी कारणों में अन्य बातों के साथ साथ मध्यस्थ लोगों विशेषकर विदेशी सेवा प्रदाताओं से सूचना का लंबित होना, पत्रों के उत्तर लंबित होना,विधि विज्ञान संबंधी परिणामों का लंबित होना और आईपी लॉग, सोर्स पोर्ट आदि जैसे मध्यस्थों द्वारा अधूरी सूचना दिया जाना शामिल हैं।
साइबर क्राइम सेल द्वारा दिल्ली पुलिस के 1323 अधिकारियों को साइबर क्राइम की जांच कार्य में प्रशिक्षित किया गया हैं।
सांसद अमर सिंह के सवाल पर गृह राज्य मंत्री ने यह जानकारी राज्य सभा में दी।