हजारीबाग (झारखंड). सदर थाना क्षेत्र के खजांची तालाब के पास रविवार सुबह एक फ्लैट से एक ही परिवार के 6 सदस्यों की संदिग्ध अवस्था में लाश बरामद की गई। मृतकों में दो पुरुष, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। कमरे से तीन लिफाफे मिले हैं जिन पर तंगी और बदनामी के डर से जान देने की बात लिखी है। हालांकि, पुलिस ने अभी यह नहीं बताया लिफाफे के अंदर क्या है।
मृतकों की पहचान महावीर महेश्वरी (70), उनकी पत्नी किरण देवी (65), बेटा नरेश अग्रवाल (40), उनकी पत्नी प्रीति अग्रवाल (38), नरेश का बेटा अमन (10) और बेटी अन्वी (8) के रूप में की गई। महावीर और उनकी पत्नी का शव कमरे में फंदे से झूलता मिला। बहू का शव बिस्तर पर पड़ा था। अन्वी को जहर दिए जाने का शक है। अमन का गला रेता गया। वहीं, नरेश का शव अपार्टमेंट के नीचे मिला। इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद उनकी लाश के पास खून नहीं मिला। फंदे से लटके महावीर के पैर भी बिस्तर को छू रहे थे, ऐसे में पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों बिंदुओं से मामले की जांच कर रही है।
नरेश डिप्रेशन में थे, इलाज चल रहा था :पुलिस के अनुसार, महावीर का यह परिवार काफी सालों से हजारीबाग में रह रहा था। यहां सीडीएम अपार्टमेंट के तीसरी मंजिल पर उनका फ्लैट है। उनके बेटे नरेश का हजारीबाग में ड्राई फ्रूट्स का कारोबार करता था। नरेश काफी डिप्रेशन में थे। उनके चचेरे भाई देवेश अग्रवाल ने बताया कि उनका रांची में इलाज भी चल रहा था। करीब दो महीने पहले पूरा परिवार तीर्थ पर भी गया था।
50 लाख रुपए मार्केट में फंसे थे :सुबह अपार्टमेंट के नीचे नरेश की लाश मिली तो लोग भागकर उनके फ्लैट में पहुंचे। दरवाजा खुला हुआ था। अंदर जाने पर पांच लोगों के शव नजर आए। देवेश ने बताया कि नरेश के करीब 50 लाख रुपए मार्केट में फंसे थे, जो वापस नहीं मिल रहे थे। लिहाजा, उन पर काफी कर्ज हो गया था।
गणित के फॉर्मूले की तरह लिखा सुसाइड नोट : सुसाइड नोट में लिखा है- बीमारी+दुकान बंद+दुकानदारों का बकाया ना देना+बदनामी+कर्ज से तनाव = मौत। वहीं, लिफाफे के ऊपर लिखा है अमन को लटका नहीं सकते थे इसलिए उसकी हत्या की।