मां बनना एक सुखद एहसास है, मगर हाल ही में हुए एक अध्ययन में जो दावा किया गया है वो काफी चौंकाने वाला है। यह अध्ययन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में किया गया है।इस अध्ययन में कहा गया है कि दो से ज्यादा बच्चे होना मां की सेहत को काफी खराब कर सकता है।
40 फीसदी बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि पांच से अधिक बच्चे होने पर मां को हार्ट अटैक होने का खतरा 40 फीसदी तक बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भावस्था और लेबर से स्त्री के दिल पर दबाव पड़ता है। बच्चों की वजह से यह तनाव और भी बढ़ जाता है। शोध में कहा गया है कि बच्चों के पालन-पोषण में उलझी मांओं के पास अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए समय ही नहीं होता है।
जितने ज्यादा बच्चे उतना बड़ा खतरा
वैज्ञानिक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि दो से ज्यादा बच्चे होने से मां की सेहत पर काफी बुरा असर होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि किसी महिला के जितने ज्यादा बच्चे होंगे, उसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल होने का खतरा भी उतना अधिक होगा। विशेषज्ञों ने अध्ययन में कहा कि पांच से अधिक बच्चे वाली मांओं को अगले 30 साल में हार्ट अटैक होने का खतरा उन महिलाओं के मुकाबले 40 फीसदी अधिक होता है, जिनके दो बच्चे होते हैं।
गर्भावस्था और प्रसव से पड़ता है दिल पर दबाव
प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर क्लेयर ओलिवर विलियम्स का कहना है कि हम यह तो जानते हैं कि गर्भावस्था और प्रसव से हृदय पर काफी अधिक दबाव पड़ता है और बच्चों की परवरिश और भी थका देने वाली होती है। यह अध्ययन 45 से 64 साल की उम्र की 8 हजार अमेरिकी महिलाओं पर किया गया।
गर्भपात से गुजर चुकी महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा 60% अधिक
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं का पूर्व में गर्भपात हो चुका है, उन्हें हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा 60 फीसदी तक बढ़ जाता है। इन महिलाओं में हार्ट फेल होने की आशंका भी 45 फीसदी तक बढ़ जाती है।
पूर्व में हुए अध्ययनों से अलग नतीजे
पूर्व में हुए अध्ययनों के विपरीत इस शोध में कहा गया है कि बच्चों को स्तनपान कराने से महिलाओं के दिल की सेहत पर कोई खास असर नहीं होता है। यह अध्ययन सोमवार को मैनचेस्टर में ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसईटी की कॉन्फ्रेंस में पेश किया जाएगा।