अनवर चौहान
यूपी के गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में मिली जीत से विपक्ष उत्साहित है. इस चुनाव में सपा-बसपा के गठजोड़ के प्रयोग को सफल माना जा रहा है. अब कई विश्लेषक वोटों के बंटवारे के हिसाब से यह अनुमान लगा रहे हैं कि यदि 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा-बसपा मिल गए तो एनडीए को यूपी में कम से कम 50 सीटों का नुकसान होगा और वह 23 सीटों के आसपास सिमट सकती है.
दिलचस्प यह है कि यह अनुमान साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों को मिले वोटों के आधार पर किया जा रहा है, जब जबर्दस्त मोदी लहर में बीजेपी को भारी जीत मिली थी. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मसले अलग होते हैं. लेकिन यूपी के विधानसभा चुनाव भी नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही बीजेपी लड़ी थी और लोकसभा में भी उनके ही कामकाज का आकलन होगा.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, यदि सपा-बसपा मिले तो लोकसभा में बीजेपी को कम से कम 50 सीटों का नुकसान हो सकता है. इन वोटों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सपा-बसपा को राज्य में 57 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए केवल 23 सीटों पर सिमट जाएगी.
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और तब एनडीए को 80 में से 73 सीटों पर विजय मिली थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जब इन पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा तो बीजेपी ने इन दोनों का सूपड़ा साफ कर दिया. 403 सदस्यों की विधानसभा में सपा को सिर्फ 47 और बसपा को 19 सीटें मिलीं. सपा की सहयोगी कांग्रेस को तो महज सात सीटें मिल पाईं थीं. बीजेपी गठबंधन को जबर्दस्त 325 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन साल 2017 के वोटों को ही आधार मानें तो बीजेपी को लोकसभा चुनाव में भारी चुनौती मिलने वाली है.
ऐसा हुआ तो बीजेपी को मिलेंगी 37 सीटें
हालांकि आंकड़े अगर 2014 के लोकसभा के मुताबिक रहे तो सपा-बसपा मिलने के बाद भी महज 41 सीटें ही पाएंगे और बीजेपी को 37 सीटों पर जीत मिल सकती है.
साल 2017 के आंकड़ों के अनुसार, सपा-बसपा मिले तो उनकी सभी 57 लोकसभा सीटों पर औसतन 1.45 लाख वोटों से जीत होगी. बीजेपी को 23 सीटों पर औसतन 58,000 वोटों के लीड से जीत मिल सकती है. बीजेपी को सिर्फ चार सीटों वाराणसी, मथुरा, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में 1 लाख के ज्यादा मार्जिन से जीत मिल सकती है.
महागठबंधन हुआ तो भाजपा का हो जाएगा सूपड़ा साफ
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के कुनबे में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हो सकते हैं। जिस तरह अखिलेश ने गोरखपुर और फूलपुर के उप-चुनाव में छोटे-छोटे दलों को भी अपने कुनबे में शामिल किया था, यदि ऐसा हुआ तो 2019 के चुनाव में भाजपा के सूपड़ा साफ होने के इमकान हैं।