इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली जल बोर्ड के अफसरों की लापरवाही या मिलीभगत से ठेकेदार सरकार और लोगों को ठग रहे हैं। दिल्ली में अनेक इलाकों में पानी की पुरानी लाइन बदली जा रहीं हैं। इसके लिए सरकार द्वारा ठेकेदार को प्रति कनेक्शन भी भुगतान किया जाता हैं। ठेकेदार ऐसे लगाता है चूना - ठेकेदार उपभोक्ताओं से कनेक्शन जोड़ने के लिए दो इंच से लेकर अठारह इंच तक के निप्पल,दो सूत फैरुल, (नोज़ल) एल बो आदि सामान मंगवाते हैं। क़रीब साढ़े तीन सौ रुपए का यह सामान उपभोक्ता को अपना कनेक्शन जुड़वाने के लिए खरीदना पड़ता हैं। जबकि सरकार प्रति कनेक्शन उपभोक्ता को जोड़ कर देने के लिए भी ठेकेदार को भुगतान करती हैं। इस तरह से ठेकेदार लोगों की जेब से पैसा लगवा कर कनेक्शन जोड़ देता है और सरकार से कनेक्शन जोड़ने के नाम पर भी पैसा वसूल लेता है।
इसके साथ ही लोगों के पहले के लगे हुए पीतल के नोज़ल और पाइप आदि पुराने सामान को भी ठेकेदार खुद हड़प कर पैसा कमाता है।
त्री नगर के ओंकार नगर इलाके में भी ऐसा हो रहा है । ठेकेदार के कर्मचारी महेंद्र ने बताया कि यह ठेका विनय मंगला का है महेंद्र ने अपने ठेकेदार और जेई विनय शर्मा का फोन नंबर तक देने से इंकार कर दिया। यमुनापार के कई लोगों ने बताया कि ठेकेदार के आदमी कनेक्शन जोड़ने के भी लोगों से पैसे लेते हैं। जल बोर्ड के एक अफसर ने बताया कि ठेकेदार को कनेक्शन जोड़ कर देने के लिए भी भुगतान किया जाता है। अफसर ने यह भी बताया कि अब तो पानी के पाइप में क्लैम्प लगाकर कनेक्शन जोड़ने की तकनीक शुरू की गई है। ऐसे में फैरूल (नोज़ल )लगाया जाना सही नहीं है। ठेकेदार द्वारा लोगों से कनेक्शन जोड़ने के लिए सामान मंगवाना ग़लत है।
जल बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगर इस भ्रष्टाचार को रोकना चाहते हैं तो जिस इलाके,गली में पुरानी लाइन बदली जा रहीं हैं वहां पर लोगों को जागरूक करने के लिए एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए। जिसमें ठेकेदार का नाम फोन नंबर और उसे क्या क्या कार्य करने के लिए सरकार ने ठेका दिया है यह साफ़ साफ़ लिखा जाना चाहिए। इसके साथ ही जल बोर्ड के जेई के फोन नंबर भी उस गली में बोर्ड पर लिखा होना चाहिए।जेई आदि की जिम्मेदारी तय करें कि वह मौके पर जाकर लोगों से मिले ताकि लोग उसे ठेकेदार की गड़बड़ी आदि के बारे में बता सके।
ठेकेदार द्वारा खोदे गए गड्ढे के आसपास बैरिकेडिंग भी नहीं की जाती जिससे हादसे की आशंका रहती है।मुफ्त पानी के दम सत्ता में आए केजरीवाल अब पानी के दाम भी बढ़ाने में लग गए। दूसरी ओर जल बोर्ड में भी केजरीवाल के होने के बावजूद ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत से जनता लुट रही है।