नई दिल्ली: राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पहले भाषण में एनडीए सरकार की उपल्ब्धि गिनाई और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने माना कि बेरोजगारी है लेकिन 55 साल कांग्रेस ने शासन किया. हम पिछले आठ साल से सत्ता में हैं. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने कांग्रेस को हराया है. आजादी के बाद पहली बार किसी गैर कांग्रेसी दल को पूर्ण बहुमत मिला. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बहुमत मिला. यह मैनडेट बीजेपी को मिला. उन्होंने कहा कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला लेकिन हमने एनडीए को सरकार में शामिल किया.
शाह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुनाव गया तब उन्होंने कहा था कि यह सरकार गरीबों की सरकार को होगी. दलितों की सरकार होगी और दीन दयाल उपाध्याय के सिद्धांत पर चलेगी. अंत्योदल के सिद्धांत पर चलने वाली सरकार होगी.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया बजट का स्वागत, बोले- लोगों का बजट
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सपा सांसदों ने उत्तर प्रदेश में पुलिस की गोलीबारी का विरोध करते हुए इस पर चर्चा की मांग की.उन्होंने कहा कि अंतिम नागरिक तक विकास पहुंचना चाहिए. यही सिद्धांत कहता है. उन्होंने कहा कि 70 साल की आजादी के बाद 55 साल एक पार्टी का राज रहा और एक ही परिवार ने 50 साल राज किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान 60 प्रतिशत लोगों के पास एक बैंक अकाउंट नहीं था.
शाह ने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए बीजेपी को मत मिला है. उन्होंने कहा कि 31 करोड़ जनधन खाते खुले और इन खातों में 75 हजार करोड़ रुपये आया. उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत से कम ऐसे खाते हो गए हैं जो जीरो बैलेंस हैं. पहले यह संख्या 77 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी के बाद पहली बार किसी पीएम ने संपन्न लोगों से अपील की और गरीबों के हित में कदम उठाए. उन्होंने कहा कि करीब 1.37 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ी.
इससे पहले सांसद नरेश अग्रवाल ने सदन में एक नियम के तहत नोटिस देते हुए सभी सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर चर्चा करने की मांग की. सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नोटिस स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह एक अन्य नियम के तहत चर्चा की मंजूरी देंगे. नारेबाजी कर रहे सपा सांसदों ने शून्यकाल के दौरान किसी को भी कोई अन्य मुद्दा उठाने नहीं दिया.
पिछले सत्र में शाह जीएसटी पर बोलना चाहते थे लेकिन तीन तलाक बिल पर विपक्ष के हंगामे और गतिरोध के चलते उन्हें मौका नहीं मिल सका था. इसके बाद केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा था कि जीएसटी पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पहली बार बोलने वाले थे, लेकिन विपक्ष में हंगामे के चलते नहीं बोल पाए. जावड़ेकर ने कहा अमित शाह 6 साल के लिए अभी राज्यसभा में हैं, बहुत मौके होंगे जब वह बोलेंगे और कांग्रेस पर प्रहार करेंगे.