यूपी के कासगंज हिंसा में मारे गए चन्दन के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि, हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 145 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन चंदन हत्याकांड में आरोपी तीनो सगे भाई में से नसीम और वसीम अभी भी फरार है. एडीजी ने प्रेसवार्ता बुलाकर सलीम को गिरफ्तार करने की जानकारी दी और चले गए। ये पूछने पर कि उसे कहां से गिरफ्तार किया गया है, बोले, शाम तक बता दिया जाएगा। आईजी अलीगढ़ संजीव गुप्ता ने कहा की सलीम कासगंज में ही छिपा था, उन्होंने दावा किया कि सलीम ने गोली चलाना स्वीकार कर लिया है.
STF करेगी चंदन हत्याकांड की जांच
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चंदन गुप्ता हत्याकांड की जांच अब STF को सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कासगंज हिंसा पर यूपी सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी। इसके बाद यूपी सरकार के आदेश पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया। बताया ये भी जा रहा है कि चंदन हत्याकांड की जांच के लिए STF कासगंज भी रवाना हो गई है।
इससे पहले, शहर में गणतंत्र दिवस के दिन हुर्ई हिंसा व आगजनी के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबड़तोड़ दबिशें दे रही है। पुलिस अधिकारियों का काफिला दबिश देने के लिए जिस समय मोहल्लों में पहुंच जाता है तो उन मोहल्लों के लोग सहम जाते हैं। मुख्य आरोपियों के घरों पर ढोल बजाकर मुनादी के साथ कुर्की के नोटिस चस्पा कर दिए हैं। इस दौरान कोतवाल रिपुदमन हिंसा ने नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई को अंजाम दिया है।
मंगलवार को दिन में भी दबिशों का दौर जारी रहा। दोपहर के समय पुलिस की गाड़ियों का काफिला बड्डू नगर पहुंचा तो गलियां सूनी हो गईं। पुलिस को सूचना मिली थी कि हिंसा के आरोपी बड्डू नगर के एक घर में छुपे हुए हैं। पुलिस ने गंदानाला एवं मोहल्ला नवाब से कई लोगों की गिरफ्तारियां भी की हैं। फिलहाल पुलिस को बड्डू नगर में पुलिस को कोई आरोपी तो हाथ नहीं लगा। पुलिस जिस समय बड्डू नगर में दबिशें दे रही थी तो सूचना आई किसी अन्य स्थान पर आरोपी छिपे हुए हैं। जिसके बाद पुलिस का काफिला पहले सोरों गेट और उसके बाद नदरई गेट की ओर चला गया।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शहर की ठंडी सड़क पर लोग सहम गए और कुछ दुकानदार वहां से दुकान बंद करके चले गए। पुलिस की दबिश के दौरान बड्डू नगर की गलियां सूनी नजर आईं। पुलिस हिंसा , आगजनी और उपद्रव के मामले में पुलिस ने अब तक 80 से अधिक लोगों को गिरफतार कर चुकी है। कई आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस पर इन आरोपियों की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ रहा है।
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