मुंबई/नई दिल्ली.बॉर्डर पर पाकिस्तान के सीजफायर वॉयलेशन के बीच भारत ने अपना रुख काफी सख्त कर लिया है। गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि भारत कभी पहली गोली नहीं चलाएगा लेकिन अगर पाकिस्तान की तरफ से फायर होता है तो फिर हम एक का बदला 10 गोलियों से देने में कोई लिहाज नहीं करेंगे। बता दें कि एलओसी पर गुरुवार से ही फायरिंग हो रही है। पाकिस्तान की फायरिंग में शुक्रवार को हमारे दो जवान शहीद हो गए। दो आम लोगों की भी मौत इस फायरिंग में हुई।
भारत में आतंकी भेजना उनकी आदत
महाराष्ट्र के यवतमाल में शुक्रवार रात मीडिया से बातचीत में गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर ने सरकार का रवैया साफ कर दिया।अहीर ने कहा- भारत में आतंकी भेजना और सीजफायर वॉयलेशन करना पाकिस्तान की आदत बन गई है। उनका माइंडसेट सही नहीं है। होम और डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस आपस में मिलकर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब दिया जा रहा है।
पहला फायर नहीं करेंगे लेकिन...
एक सवाल के जवाब में अहीर ने कहा कि भारत का क्या रवैया है, इस बारे में होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह पहले ही जानकारी दे चुके हैं। अहीर ने राजनाथ के बयान की जानकारी देते हुए कहा- हम पहली गोली नहीं चलाएंगे। भारत कभी गोलीबारी की पहल नहीं करेगा। लेकिन, पाकिस्तान की तरफ से एक भी गोली चली तो फिर भारत इसका जवाब 10 गोलियों से देगा। शुक्रवार को कहां हुई फायरिंग ? पाकिस्तान ने शुक्रवार सुबह 6:30 बजे जम्मू के आरएसपुरा, अरनिया और रामगढ़ सेक्टर में गोलीबारी की। यहां की करीब 40 चौकियों को निशाना बनाया। इस दौरान गोलियों के साथ मोटार्र भी दागे गए। आरएस पुरा सेक्टर में लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने अलर्ट जारी किया। सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
कितना नुकसान हुआ?
दो नागरिकों की मौत हो गई और सात जख्मी हुए। मारे गए लाेगों की पहचान अरनिया सेक्टर की बचनो देवी (50) और आरएस पुरा सेक्टर के साहिल (25) के तौर पर की गई है। बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण: बीएसएफ बीएसएफ के महानिदेशक केके. शर्मा ने बताया था, “जम्मू-कश्मीर में एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर स्थिति काफी तनावपूर्ण है। बीएसएफ के जवान पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी का करारा जवाब दे रहे हैं।” पिछले दिनों भारत की ओर से की गई कार्रवाई में पाकिस्तान को बहुत भारी नुकसान हुआ है। इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान के दो चौकियों को तबाह कर दिया।
2 साल में 363 आतंकवादी ढेर
जम्मू-कश्मीर में पिछले दो सालों में अलग-अलग घटनाओं में 363 आतंकवादी और 71 नागरिकों की मौत हुई। विधायक सतपाल शर्मा के एक लिखित सवाल के जवाब में गृह मामलों की प्रभारी और सीएम महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। 2016 में आतंकवादी हमलों और सीमा पार गोलीबारी में 20 नागरिकों की मौत हुई थी और इसी दौरान 31 स्थानीय आतंकवादी तथा 119 भाड़े के विदेशी आतंकवादी मारे गए थे। 2017 में हिंसा की घटनाओं में 51 नागरिक मारे गए थे और 86 स्थानीय और 127 भाड़े के आतंकवादियों सहित 213 आतंकवादी ढेर हुए थे।