इंद्र वशिष्ठ

दिल्ली में रोजाना दिनदहाड़े लूटझपटमारी की वारदात कर अपराधियों ने आतंक मचा रखा है। बेखौफ लुटेरे विरोध करने पर गोली मार  देते है। महिलाएं ही नहीं पुरुष भी घऱ या बाहर कहीं पर सुरक्षित नही है। दिल्ली में रोजाना तीन हजार से ज्यादा मोबाइल फोन लूटे/ चोरी/ खो जाते है।  ऐसे में आप मानेंगे की लूट और झपटमारी की वारदात में कमी आई है। वैसे आप के मानने ना मानने से पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि सरकार ने लूट और झपटमारी का अपराध कम होने का दावा कर ही दिया है।   सच्चाई यह है अपराध कम दिखाने के लिए दिल्ली पुलिस लूटझपटमारी की हरेक वारदात को सही  दर्ज हीं नहीं करती है। लूट को चोरी में दर्ज करने की परंपरा  भी जारी है।

एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने आकंड़ों की बाजीगरी से साबित कर दिया है कि लूटझपटमारी की वारदात  साल2017 में पहले से कम हुई हैं।

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगा राम अहीर ने बताया कि दिल्ली में 30-11-2017 तक लूट की 2714वारदात ही हुई हैं। जबकि साल 2016 में 4761 ,साल2015 में 7407 और साल 2014 में लूट की 6464वारदात हुई थी। साल 2014 में 6099, साल 

2015 में 6587, साल 2016 में 5375 और 30-11-2017 तक 4027 लुटेरे पकड़े गए हैं।

झपटमारी -- साल 2014 में 7350, साल 2015 में9896, साल 2016 में 9571 और 30-11-2017तक7870 झपटमारी की वारदात दर्ज़ की गई है।

साल 2014 में 3082,साल 2015 में 3675,साल2016में 5092और  30-11-2017 तक 5485झपटमार पकड़े गए हैं।

सीसीटीवी कैमरे --गृह राज्य मंत्री ने राज्य सभा में बताया कि दिल्ली पुलिस ने अपराध नियंत्रित करने के लिए अनेक उपाय किए हैं। जिसमें अन्य बातों के साथ साथ अपराध रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पिकेट,पैदल गश्तपीसीआर वैन और आपातकालीन कार्रवाई वाहन सहित अपराध संभावित इलाकों की निरंतर पहचान और पुलिस की तैनाती शामिल हैं।अनेक बाजारोंसीमा जांच चौकियों,महत्वपूर्ण संस्थापनाओं और वीवीआईपी इलाके में दिल्ली पुलिस द्वारा 4060सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। निगेहबान योजना के तहत दिल्ली पुलिस ने जनता की भागीदारी के साथ दिल्ली में  लगभग1.96 लाख लगवाए हैं।