श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांदीमल ने भारत के खिलाफ तीसरा और अंतिम टेस्ट ड्रॉ कराने के बाद कहा कि उनकी टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत के इरादे से उतरी थी। उन्होंने कहा कि अगर वो लोग मैच ड्रॉ कराने के इरादे से खेलते तो हार जाते। भारत के 410 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका ने दूसरी पारी में 5 विकेट पर 299 रन बनाए। जब मैच ड्रॉ हुआ तब श्रीलंका को 111 रन की जरूरत थी।
चांदीमल ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, `हम जीत के लिए उतरे थे। हमने टीम बैठक में बात की कि अगर ड्रॉ के रवैये के साथ उतरेंगे तो हार को नहीं टाल सकते। मुझे इस पारी में खिलाड़ियों का रवैया पसंद आया और उम्मीद करते हैं कि आगामी श्रृंखलाओं में हम इसी रवैये के साथ आगे बढ़ेंगे।` श्रीलंकाई कप्तान ने साथ ही स्वीकार किया कि अगर टीम को टेस्ट मैचों में जीत दर्ज करनी है तो गेंदबाजी में सुधार करना होगा। चांदीमल ने कहा, `अगर आपको टेस्ट मैच जीतना है तो 20 विकेट चटकाने होंगे। लेकिन साथ ही अगर आप भारतीय टीम को देखें को उनके पास विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं इसलिए यह किसी भी गेंदबाज के लिए मुश्किल होता है। दुर्भाग्य से हमें इस मैच में अपने महान खिलाड़ी (रंगना हेराथ) की सेवाएं नहीं मिली। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि तेज गेंदबाज अभ्यास और मैच में अपनी पूरी जान लगा रहे हैं जो सर्वश्रेष्ठ है।` उन्होंने कहा, `हमें गेंदबाजी इकाई के रूप में इस पर काम करने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि वे काफी अच्छी योजना के साथ सामने आएंगे और भविष्य की सीरीज में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।`
चांदीमल मौजूदा श्रृंखला में 366 रन के साथ श्रीलंका के सबसे सफल बल्लेबाज रहे लेकिन इसके बावजूद उन्हें भारत के खिलाफ वनडे टीम में जगह नहीं मिली है जिस पर उन्होंने निराश नहीं होते हुए कहा, `मुझे पर्याप्त संख्या में एकदिवसीय मैच खेलने को मिले। पाकिस्तान के खिलाफ मैं सभी मैचों में खेला लेकिन उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया। मैं एकदिवसीय मैचों में खेलना चाहूंगा क्योंकि मुझे पता है कि मैं इससे कहीं बेहतर कर सकता हूं। मैं अपने खेल पर कड़ी मेहनत कर रहा हूं विशेषकर वनडे में। मुझे अपनी तकनीक और मानसिकता में भी कुछ बदलाव की जरुरत है।`