अनवर चौहान

अहमदाबाद.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिण गुजरात के दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने पारडी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा पर निशाना साधने के लिए टाटा घराने को दिये कर्ज व महाभारत की कहानी का जिक्र किया। पूरे देश में कांग्रेस पार्टी ने मनरेगा चलाया, लाखों लोगों की उससे जिंदगी बदल गई। उतना ही पैसा गुजरात में सरकार ने एक कंपनी काे दे दिया। लेकिन, उस पैसे से न किसी को न रोजगार मिला और न ही गाड़ी बनी। राहुल गांधी ने कहा कि पूरा का पूरा काम चार-पांच कंपनियों के लिए होता है। यह सच्चाई और झूठ के बीच की लड़ाई है। राहुल गांधी ने कहा कि महाभारत की लड़ाई से पहले दुर्योधन जी अर्जुन जी और कृष्ण जी से मिलने गए, कृष्ण जी के पैरो के पास अर्जुन जी बैठे थे। कृष्णजी ने दुर्योधन से कहा लड़ाई नहीं होनी चाहिए, पांडवों को सिर्फ पांच गांव चाहिए।
मोदी और शाह की नाक का सवाल बना गुजरात चुनाव
बता दें कि राज्य में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा और 18 दिसंबर को मतगणना। गुजरात विधानसभा चुनाव को 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव का क्वार्टर फाइनल माना जा रहा है। वहीं इस बार का आम चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नाक का सवाल बन गया है।
गुजरात चुनाव से पहले अध्यक्ष बन सकते हैं राहुल
गुजरात चुनाव से पहले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी की बागडोर संभाल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, हिमाचल चुनाव यानी 9 नवंबर के बाद वह अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल लेंगे। राहुल फिलहाल गुजरात दौरे पर हैं.।उनके दिल्ली लौटने के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक बुलाई जा सकती है। गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले। दोनों के बीच इटवा गांव के एक फार्म हाऊस में करीब आधे घंटे तक बात हुई। बाहर आकर मेवाणी ने कहा कि वह न तो कांग्रेस या किसी अन्य दल में शामिल होंगे और ना ही उनके लिए वोट मांगेंगे। मेवाणी ने कहा, “गुजरात चुनाव में भाजपा को हराने के लिए मैं अपने समुदाय से अपील करूंगा। हमने 17 मांगें रखी हैं। कांग्रेस हमारी 90% से ज्यादा मांगें घोषणा-पत्र में रखने पर सहमत हो गई है।’ बैठक के बाद राहुल ने कहा, “हम हर किसी की बात सुनते हैं। भले ही वह जिग्नेश हो, हार्दिक हो या फिर अल्पेश हो। वहीं, भाजपा का जोर सिर्फ लोगों को मन की बात सुनाने पर रहता है।’
गुजरात के दौरे पर आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि में सत्य और झूठ की लड़ाई है। एक ओर गुजरात की 6 करोड़ जनता है तो दूसरी ओर 15-20 उद्योगपतियों के लिए चल रही सरकार है। शुक्रवार को नवसारी में आयोजित सभा में राहुल गांधी निर्धारित समय से दो घंटे देरी से पहुंचे इसके बावजूद राहुल गांधी को सुनने के लिए लोग इंतजार करते रहे। सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात की भाजपा सरकार कहती है कि विकास किया है और युवकों को रोजगार मिला है तो फिर प्रदेश में 30 लाख बेरोजगार क्यों हैं। यहां की शिक्षा व्यवस्था बिगड़ी है। 5-10 लाख रुपए देने के बाद ही कॉलेज, यूनिवर्सिटी में छात्रों को प्रवेश मिलता है। नोटबंदी और जीएसटी से लोगों की दिक्कतें बढ़ी हैं।
अरूण जेटली वर्ल्ड बैंक का सर्टिफिकेट लेकर घूम रहे हैं। हमें तो गुजरात की जनता, युवकों और किसानों का सर्टिफिकेट चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए की सरकार ने मनरेगा योजना में 35 हजार युवकों को रोजगार दिया था। जिसके सामने नरेन्द्र मोदी ने एकमात्र टाटा नैनो के लिए 33 हजार करोड़ रुपए दे दिए। इतने रुपए देने के बाद भी रोड पर नैनो रोड पर कहीं भी दिखाई नहीं देती। यदि इतने रुपए सरकारी अस्पतालों को दिए होते तो अच्छा होता। 22 साल में गुजरात में सरकार ने केवल आश्वासन दिया है। परिणाम कुछ नहीं निकला। मैं झूठा वादा नहीं करता। 15 लाख देने की बातें नहीं करता। मै मन की बात नहीं करता बल्कि आपके मन की बातें सुनता हूं। गुजरात की जनता में ताकत है जो दुनिया हिला सकती है। 100 साल पहले दुनिया का सुपरपावर माने वाले इंग्लैंड को गुजरात के दो पुत्रों गांधीजी और सरदार पटेल ने हिलाते हुए आजादी दिलाई थी। राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में सब कुछ व्यवस्थित होता तो हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश पटेल को आंदोलन करने की जरूरत नहीं पड़ती।