नई दिल्ली। आल इंडिया आक्युपेश्नल थेरेपी एसोसिएशन की दिल्ली शाखा ने आज जन स्वास्थ्य जागरुकता अभियान चलाया। इसके तहत लोगों को बताया कि वे अपने रोगी शरीर को आक्युपेश्नल थेरेपी के ज़रिए सक्रिय कर सकते हैं। इस मौके पर आक्युपेश्नल थेरेपी के डाक्टर और छात्र आइटीओ स्थित आध्रं भवन पर मौजूद थे। इसमें संगठन के ड़ॉक्टर रमेश आर्य, डॉक्टर ललित नारायण, डॉक्टर सुनीता पसरिचा, डॉक्टर अरुना माथुर, डॉक्टर नीरज मिश्रा, डॉक्टर अरूण, डॉक्टर दीप्ति, डॉक्टर मोहिता, डॉक्टर अखिलेश वगैरह मौजूद थे। डॉक्टर नीरज मिश्रा ने बताया कि इस मौके पर केंद्र सरकार से मांग की गई कि आक्युपेश्नल थेरेपी को मरीजों के लिए स्वतंत्र किया जाए, ताकि वे बिना रोक टोक के अपना इलाज करा सकें। अभी की व्यवस्था में सरकारी अस्पतालों में बिना रेफर के मरीज आक्युपेश्नल थेरेपी में इलाज नहीं करा सकता। इस संबंध में आक्युपेश्नल थेरेपी के डाक्टरों की मांग पर लोकसभा के सांसद संजय जाधव ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा को पत्र लिखकर आक्युपेश्नल थेरेपी काउंसिल का गठन करने की मांग की है। इसके बनने के बाद हर राज्य में आक्युपेश्नल थेरेपी का काउंसिल खुल सकेंगे। अभी दिल्ली, छत्तीस गढ, महाराष्ट्र में ही इसके काउंसिल है। डाक्टर नीरज मिश्रा ने कहा कि विश्व में धूम मचाने वाली इस थेरेपी के जरिए न सिर्फ मरीजों के शारीरिक एवं मानसिक विकारों को दूर किया जा सकता है बल्कि उन्हें पुरानी स्थिति एवं सामान्य जीवन की तरफ लाया जा सकता है।वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं। स्ट्रोक, रकिंसन, सीपी, आटीजम और स्पाइना बाइफीडा वगैरह के रोगियों का आक्युपेश्नल थेरेपी के जरिए सफल उपचार किया जा सकता है।