अनवर चौहान
चीन के शिनज़ियांग प्रांत में चीन सरकार ने स्थानीय मुसलमान आबादी से क़ुरान, नमाज़ के दौरान इस्तेमाल होने वाली चटाई समेत सभी मज़हबी सामान को जमा करने का फरमान जारी किया है. `रेडियो फ्री एशिया` के मुताबिक, यहां ज़्यादातर मुसलमान वीगर, कज्ज़ाख और किर्गिज मूल के हैं. जिनकी आबादी क़रीब एक करोड़ है। इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई ने चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का हवाला देते हुए कहा है कि शिनज़ियांग प्रांत में शांति है और स्थानीय लोग शांतिपूर्वक रह रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग अफवाहों और निराधार आरोपों से दूर रहेंगे. उधर, रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक अधिकारियों ने स्थानीय लोगों और मस्जिदों से कहा है कि इन आदेशों का तत्काल पालन करें या सज़ा के लिए तैयार रहें.
पिछले कुछ सालों से शिनजियांग में मुसलमानों को लंबी दाढ़ी रखने और रमज़ान के दिनों में रोज़ा रखने पर भी पाबंदियां लगाई जाती रही हैं. पिछले बुधवार को कज़ाख़स्तान की सीमा के पास आल्टे इलाक़े के एक व्यक्ति ने रेडियो को बताया कि सभी गांवों और काउंटी स्तरों पर कुरान ज़ब्त किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लगभग हर घर में एक कुरान है. निर्वासित ग्लोबल वीगर कांग्रेस के प्रवक्ता डिलसैट रैक्सिट के अनुसार, पिछले सप्ताह से काशगर, हुनान और अन्य क्षेत्रों से इसी तरह की कार्रवाई की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह सूचना मिली है कि प्रत्येक वीगर को इस्लाम से संबंधित सभी चीजों को जमा करना होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस इसको लागू करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही है.
इस साल की शुरुआत में, शिनजियांग के अधिकारियों ने ये कहते हुए पांच साल के अंदर प्रकाशित सभी कुरान को ज़ब्त कर लिया था कि ये `अतिवादी सामग्री` हो सकती हैं. चीन के शिनजियांग में क्यों भड़क रही है हिंसा? सूचना के मुताबिक, `थ्री इलीगल एंड वन आइटम` अभियान के तहत मुसलमानों की पवित्र किताब समेत सभी धार्मिक वस्तुएं और संभावित चरमपंथी सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जैसे कि रिमोट कंट्रोल वाले खिलौने, बड़े चाकू और विस्फ़ोटक सामग्री. इस अभियान के तहत वीगर लोगों के पास मौजूद `आपत्तिजनक` सामानों को प्रतिबंधित किया जाता है. चीन के पश्चिमी हिस्से में शिंजियांग प्रांत में वीगर समुदाय के करीब एक करोड़ लोग रहते हैं. जातीय रूप से ये तुर्क मुसलमान हैं.