(अनवर चौहान) नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की यहां बैठक थी। कानपुर से ही पार्टी के सांसद और भाजपा के बेहद सीनियर लीड़र मुर्ली मनोहर जोशी, वरुण गांधी, मेनका गांधी और अपने भड़काऊ भाषणों से पहचाने वाले भाजपा के सांसद महंत आदित्यनाथ भी बैठक में शरीक नहीं हुए। इस बैठक में उत्तर प्रदेश से चुने गए बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल के सभी 73 सांसदों को शामिल होने के लिए सख़्त हिदायत की गई थी। मगर सांसद तो दूर कार्यकर्ताओं ने भी बैठक में शरीक होने से गुरेज़ किया। अमित शाह के आने पर उनकी शान में लिखे गए क़सीदों वाले पोस्टरों से पूरे शहर को पाट दिया गया था.....पोस्टरों पर अमित शाह और नरेंद्र मोदी की फोटो को तरजीह छापा था। लेकिन तमाम पोस्टरों किसी अमित शाह और नरेंद्र मोदी के फोटुओं पर कालिख पोत डाली....ये किसने किया फिलहाल तो राज़ है....मगर दबी ज़बांन में एक चर्चा भी है....जो थे हमारे क़दमों मैं बैठने वाले आज वो हमारे सरताज बन गए। गौरतलब है कि मुरली मनोहर जोशी कानपुर से ही सांसद भी हैं।  मेनका पीलीभीत और वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं। महंत आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद हैं। जोशी  कई मौकों पर बीजेपी और केंद्र सरकार के कामकाज को लेकर अपनी नाखुशी जता चुके हैं। कुछ दिनों पहले केंद्र में मंत्री नितिन गडकरी को भी उन्होंने घेरा था। उन्होंने गडकरी की नदियों से  व्यापार करने की योजना की जमकर खिल्ली उड़ाई थी। एक पहलू और भी है.....सब जानते हैं भाजपा के पौधे को परवान चढ़ाने वाले लाल कृष्ण आड़वानी को मोदी ने फट्टे लगा दिया है। पार्टी में आड़वानी और जोशी ग्रुप में समर्थकों की कमी नहीं है। खासतौर से उत्तर प्रदेश के भाजपाइयों को अमित शाह का पार्टी अध्यक्ष बनना हज़म नही हुआ है। कानपुर की बैठक में अमित शाह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का नहीं गुंडों का राज है। उन्होंने प्रदेश की दो घटनाओं का जिक्र किया। इनमें पत्रकार और महिला को जिंदा जलाने के मामले है। वो बोले कि बीजेपी ने इन मामलों की जांच के लिए चार मेंबरों वाली टीम बनाई है। टीम में बिहार के सांसद अश्विनी चौबे, पार्टी के प्रवक्ता एमजे अकबर, राजस्थान के सांसद अर्जुन मेघवाल और दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी शामिल हैं। ये बात भी पार्टी के लोगों को नहीं पची। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने बैठक में भी कुछ सवाल उठाए थे....लेकिन जवाब नहीं मिला... अमित शाह शनिवार को कानपुर में ही रहे। इस दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।  कार्यकर्ताओं के हाथों में एक बोर्ड था,  जिस पर लिखा था, ``श्रीमान, अमित शाह सर। यूपी बीजेपी का बहुत बुरा हाल है। सब अपने-अपने में मस्त हैं। क्या ऐसे हम यूपी 2017 का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे?`` उधर, शहर के कई हिस्सों में अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी के पोस्टरों पर कालिख पोती गई। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया कि इसके पीछे किसका हाथ है। शाह के स्वागत के लिए बीजेपी की कानपुर यूनिट ने शहर  में नई जगह पोस्टर्स लगाए थे, इनमें से करीब 6 पोस्टर्स पर अज्ञात लोगों ने कालिख पोत दी। बीजेपी वर्कर्स में इस हरकत कोई खास नाराजगी का इज़हार नहीं किया। बता दें कि बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद
 अमित शाह पहली बार कानपुर पहुंचे थे।