कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं कि हिंसा का दर्द मुझ से बेहतर कोई नहीं जानता, मैने अपनी दादी और
पिता को हिंसा का शिकार होते देखा है। राहुल गांधी ने अमेरिका के बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में भाषण दौरान ये बात कही। अपने भाषण में राहुल गांधी ने भारत के इतिहास, विविधता, गरीबी, वैश्विक हिंसा और राजनीति पर बात की। उन्होंने कहा कि जो लोग सोच रहे थे कि भारत आगे नहीं बढ़ सकता है वो सभी गलत साबित हुए। राहुल गांधी ने पहली बार ये भी कहा कि मैं पीएम उम्मीदवार की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन हमारी पार्टी में लोकतंत्र है अगर पार्टी कहेगी तो मैं जिम्मेदारी लूंगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मेरे नाना ने भी यहां पर भाषण दिया था, आपने मुझे भी बुलाया उसके लिए आपका धन्यवाद। भा भारत के पास आज कई राज्य हैं, कई प्राकृतिक संसाधन है। जो लोग सोच रहे थे कि भारत आगे नहीं बढ़ सकता है वो सभी गलत साबित हुए।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज नफरत और हिंसा की राजनीति का बोलबाला है। लेकिन हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिंसा में मैंने अपनी दादी (इंदिरा गांधी) और पिता (राजीव गांधी) को खोया। मुझसे बेहतर हिंसा को कौन समझेगा। उन्होंने कहा, `जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी, मैं उन लोगों के साथ बैडमिंटन खेलता था। मुझे पता है कि हिंसा से क्या नुकसान हो सकता है। जब आप अपने लोगों को खोते हैं, तो आपको गहरी चोट लगती है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अहिंसा के विचार को हमेशा आगे रखा जाता है। जब राजीव गांधी ने कंप्यूटर के बारे में बात की थी, उसका विरोध हुआ था। भारत ने सबसे ज्यादा गरीब लोगों को गरीबी रेखा से निकाला, और यह सब शांतिपूर्ण तरीके से किया गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में अभी जॉब क्रिएट करने की कमी है, भारत को जॉब क्रिएट करनी होगी। लेकिन हम चीन की नीति पर चलकर जॉब नहीं क्रिएट कर सकते हैं, हमें लोकतांत्रिक तरीके से ही ये करना होगा। भारत में छोटे-कारोबार में ही जॉब हैं। राहुल गांधी ने कहा कि अभी हम सीनियर और जूनियर के बीच में एक ब्रिज बना रहे हैं, हम अपने सीनियर लोगों को एक दम साइड नहीं कर सकते। इसलिए इस ओर धीरे-धीरे काम कर रहे हैं। 2012 में हमसे गलतियां हुईं, हमनें लोगों से दूरी बना ली।