गुड़गांव. यहां के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के बच्चे के मर्डर के आरोपी बस कंडक्टर अशोक ने गुनाह कबूल कर लिया है। अशोक ने मीडिया को बताया कि उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। वह प्रद्युम्न के साथ गलत काम करना चाहता था। बच्चे ने शोर मचाया तो चाकू से उसके गले पर वार कर दिया। अशोक ने बताया कि उसने दो बार गले पर वार किया। यह सब उसने पांच मिनट के अंदर कर दिया। पुलिस ने अशोक को शुक्रवार रात को ही सेक्शुअल एब्यूज और मर्डर के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। 8 महीने पहले ही स्कूल में काम पर लगा था आरोपी... बता दें कि आरोपी अशोक 8 महीने पहले ही स्कूल में बस कंडक्टर लगा था। उसने मीडिया को बताया, ``मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।``


जब उससे पूछा गया कि उसने क्या पहले भी किसी बच्चे को सेक्शुअली एब्यूज किया है, तो आरोपी ने कहा- ``नहीं। ये पहली बार था। मैं घबरा गया था। पता नहीं कैसे हो गया। मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं गलत काम करना चाहता था। लेकिन किया नहीं।``  चाकू के बारे में पूछे जाने पर अशोक ने कहा, ``वो सब्जी काटने वाला चाकू था। वो गंदा हो गया था। उसे साफ करने के लिए मैं टॉयलेट तक ले आया था। उसी से बच्चे का गला रेता।`` यह पूछने पर कि क्या बच्चों का टॉयलेट इस्तेमाल करने से उसे किसी ने रोका नहीं? अशोक ने बताया- हम वहां जाते रहते थे। कई बार देख लिए जाते थे तो हमें टोका जाता था। आरोपी का केस नहीं लड़ेंगे वकील...सोहना की बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि आरोपी की तरफ से कोई वकील केस नहीं लड़ेगा। इस बारे में शनिवार को एक रिजोल्यूशन पास किया गया।


बच्चे की मौत के बाद उठ रहे ये सवाल------
कंडक्टर बच्चों के टॉयलेट के अंदर कैसे पहुंचा?
बच्चों के टॉयलेट में स्टूडेंट्स के अलावा किसी को भी जाने के इजाजत नहीं है। यहां तक कि स्कूल के टीचर और स्टाफ भी बच्चों के टॉयलेट में नहीं जाते। वारदात को अंजाम देने वाले कंडक्टर का कहना है कि वह और उसके साथी ड्राइवर, कंडक्टर अक्सर बच्चों का टॉयलेट इस्तेमाल करते थे। बच्चे की हत्या के बाद स्कूल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि वो बच्चों की सिक्युरिटी को लेकर लापरवाह था।  कंडक्टर चाकू लेकर टॉयलेट में क्या कर रहा था? कंडक्टर के पास पिछले कई दिनों से चाकू था। वो उसे लेकर स्कूल आ रहा था पर स्कूल मैनेजमेंट को इसकी खबर तक नहीं लगी। कंडक्टर के मुताबिक उसके पास कई दिनों से चाकू पड़ा था। वो उसे साफ करने के लिए टॉयलेट में लाया था।  जिस चाकू के वारदात को अंजाम दिया गया वो देखने में नया लग रहा है ऐसे में कंडक्टर की इस बात पर यकीन करना मुश्किल है।


 कंडक्टर चाकू लेकर स्कूल परिसर में कई दिन से आ रहा था। वो उसे लेकर टॉयलेट में गया इस दौरान क्या किसी की नजर चाकू के ऊपर नहीं पड़ी। अगर चाकू को कंडक्टर छुपाकर टॉयलेट में गया तो इससे उसके इस बयान पर भी सवाल खड़ा होता है कि वो चाकू साफ करने लिए लाया था। कितनी देर जिंदा रहा बच्चा? सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर बच्चे के पिता ने उसे स्कूल छोड़कर आए थे। खून से लथपथ बच्चे को जब दूसरे स्टूडेंट्स ने देखा तब स्कूल मैनेजमेंट को खबर दी। 8 बजकर 10 मिनट पर स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चे के पिता को फोन किया। बच्चे के पिता के स्कूल पहुंचने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। यहां ये सवाल उठता है कि बच्चे को तुरंत इलाज क्यों नहीं दिया गया। अगर ऐसा होता तो शायद बच्चे को बचाया भी जा सकता था। बच्चे की मौत के बाद भी क्लास क्यों चलती रही? स्कूल में इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी स्कूल में क्लासेेस चलती रहीं। नियम के मुताबिक इतनी बड़ी घटना के बाद बच्चों को घर भेज दिया जाता है।
मीडिया में खबर आने के बाद बाकी बच्चों के पेरेन्ट्स जब स्कूल पहुंचे तब जाकर बच्चों को स्कूल से घर भेजा गया।
कई पेरेन्ट्स का कहना है कि स्कूल में हुई वारदात के बाद उनके बच्चे बेहद डरे हैं और वो अब स्कूल नहीं जाना चाहते।


कुछ पेरेन्ट्स ने बताया कि उनका बच्चा इतना डर गया है कि उसने स्कूल से आने के बाद खाना-पीना भी छोड़ दिया है। घटना के बाद स्कूल ने क्या कदम उठाया?  शुक्रवार पूरे दिन हंगामा चलात रहा लेकिन स्कूल मैनेजमेंट की ओर से किसी भी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हंगामा बढ़ने के बाद शनिवार को स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया. गुड़गांव के डीसीपी ने बताया कि हम स्कूल की सिक्युरिटी एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। मामले की जांच के लिए स्पेशल कमेटी बनाई गई है। प्रिंसिपल सस्पेंड गुरुग्राम के डीसीपी ने बताया कि रेयान स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, स्कूल की सिक्युरिटी संभालने वाली एजेंसी पर भी कार्रवाई की गई है। इस बीच, बच्चे के पिता वरुण अपने वकील के साथ शनिवार को पुलिस कमिश्नर के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


पिता बोले- सुबह बेटे को स्कूल छोड़ा था, 15 मिनट में ये हो गया  प्रद्युम्न के पिता वरुण के मुताबिक, मैंने सुबह 7:55 बजे बच्चे को स्कूल छोड़ा था। वह बहुत खुश था। सुबह 8:10 बजे यानी पंद्रह मिनट बाद स्कूल मैनेजमेंट ने मुझे फोन कर बताया कि बच्चे की तबीयत खराब हो गई है और उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। जब तक हम मौके पर पहुंचे, बच्चे की मौत हो चुकी थी। पिता ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट ने मुझे सही जानकारी नहीं दी। यदि वे बेटे को सही समय पर अस्पताल ले गए होते तो उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने कहा, "ये मर्डर का मामला है। ये कैसे हुआ? ये मुझे पता नहीं पता। लेकिन ये जानता हूं कि ये हत्या है। जो लोग जिम्मेदार हैं, उन पर तुरंत एक्शन क्यों नहीं हुआ? अगर कोई पिता अपने बच्चे को आठ घंटे के लिए स्कूल छोड़ेगा तो किस भरोसे के साथ छोड़ेगा।’’


बच्चे ने टॉयलेट से बाहर आने की कोशिश की
पुलिस ने बच्चे की बॉडी के पास से चाकू भी बरामद किया। उसकी गर्दन पर कई निशान भी मिले। पुलिस के मुताबिक, हमले के बाद बच्चे ने जूझते हुए टॉयलेट के बाहर आने की कोशिश की। उसी वक्त दूसरे बच्चों ने उसे देखा। बच्चों ने स्कूल के माली को बताया और फिर स्कूल मैनेजमेंट बच्चे को हॉस्पिटल ले गया। स्कूल ने क्या कहा? स्कूल की केयरटेकर नीरजा बत्रा ने कहा, ``जब हमने बच्चे को देखा तो वह खून से लथपथ था। वह जिंदा था। हमने एक मिनट भी नहीं गंवाया। हम उसे तुरंत अस्पताल ले गए।`` डॉक्टर बोले- बेहद बेरहमी से मारा पोस्टमार्टम करने वाले बोर्ड में शामिल डॉ. दीपक माथुर ने बताया कि बच्चे को बेहद बेरहमी के साथ प्लानिंग से मारा गया। गले के बीच से कान तक 12 सेमी कट है। यह इतना गहरा है कि पीछे रीड की हड्डी तक गया है और सांस की नली के साथ खाने की नली भी कट गई है। गुस्साए परिजन का हंगामा घटना के बाद शनिवार को स्कूल के अन्य बच्चों के अभिभावकों ने जबरदस्त हंगामा किया। हंगामे को देखते हुए पुलिस बल स्कूल गेट पर तैनात कर दिया गया। गुस्साए अभिभावकों का कहना है कि कोई किस तरह ऐसे स्कूल में अपने बच्चों को भेजेगा। कुछ का कहना है कि उनके बच्चे डरे हुए हैं। वे स्कूल जाने से मना कर रहे हैं। बच्चे स्कूल प्रशासन पर जल्द से जल्द पुलिस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ अभिभावक सीबीआई जांच की भी मांग उठा रहे हैं। एक-एक कर बच्चों को क्लास से निकाला शुक्रवार सुबह 11.15 बजे बढ़ती पुलिस एक्टिविटी को देखते हुए स्कूल ने स्टूडेंट्स की छुट्टी कर दी। बच्चे काफी सहमे हुए थे, उन्हें एक-एक कर क्लास के बाहर निकाला।