अनवर चौहान

मिशन 2019 को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए केंद्रीय मंत्रिपरिषद के तीसरे विस्तार में चार कैबिनेट मंत्रियों के साथ नौ नए राज्यमंत्रियों को शामिल किया गया है। चारों नए कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल व निर्मला सीतारमन को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार से पदोन्नत किया गया है। विस्तार के बाद मोदी सरकार में मंत्रियों की संख्या 76 पहुंच गई है जिसमें 28 कैबिनेट मंत्री हैं। मोदी कैबिनेट में सबसे बड़े विस्तार के बाद अब कई मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए हैं तो दूसरी तरफ नए मंत्रियों के विभाग भी बांट दिए गए हैं। निर्मला सीतारमन को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए रक्षा मंत्री बनाया गया है। पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को वाणिज्य मंत्री बनाया गया है। अब पीयूष गोयल अब रेलवे मंत्री होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग
अंतरिक्ष विभाग
सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे तथा सभी अन्य विभाग जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं
कैबिनेट मंत्री
राजनाथ सिंह- गृहमंत्री
सुषमा स्वराज- विदेश मंत्रालय
अरुण जेटली- वित्त
नितिन गडकरी- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षणसुरेश प्रभु- वाणिज्य और उद्योग मंत्री
डी. वी. सदानंद गौड़ा- सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन
उमा भारती- पेयजल और स्वच्छता मंत्री
राम विलास पासवान- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण
मेनका संजय गांधी- महिला एवं बाल विकास
अनंत कुमार- रसायन एवं उर्वरक
रविशंकर प्रसाद- विधि एवं न्याय
जगत प्रकाश नड्डा- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
अशोक गजपति राजू पुसपति- नागरिक विमानन
अनंत गीते- भारी उद्योग एवं लोक उद्यम
हरसिमरत कौर बादल- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
नरेन्द्र सिंह तोमर- ग्रामीण विकास, पंचायती राज
चौधरी बिरेंदर सिंह- स्टील
जुएल उरांव- जनजातीय मामले
राधा मोहन सिंह- कृषि एवं किसान कल्याण
थावरचन्द गेहलोत- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता
स्मृति ईरानी- वस्‍त्र, सूचना और प्रसारण मंत्रालय
डॉ. हर्ष वर्धन- विज्ञान और तकनीक, भू विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन
प्रकाश जावड़ेकर-  मानव संसाधन विकास
धर्मेंद्र प्रधान- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस
पीयूष गोयल- रेल, कोयला मंत्रालय
निर्मला सीतारमण- रक्षा मंत्रालय
मुख्तार अब्बास नकवी- अल्पसंख्यक मामलों
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
इन्द्रजीत सिंह राव- योजना (स्वतंत्र प्रभार)
संतोष कुमार गंगवार- श्रम और रोजगार मंत्री
धर्मेन्द्र प्रधान- आयुष मंत्रालय
जितेंद्र सिंह- पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास (स्वतंत्र प्रभार), अंतरिक्ष विभाग के मंत्री
महेश शर्मा- संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार)
गिरिराज सिंह- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
मनोज सिन्हा- संचार (स्वतंत्र प्रभार), रेल राज्यमंत्री
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़- सूचना और प्रसारण, युवा मामलों के मंत्री और खेल (स्वतंत्र प्रभार)
राज कुमार सिंह- बिजली मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार)
हरदीप सिंह पुरी- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार)
अल्फोंस कन्ननाथन- पर्यटन मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
राज्य मंत्री
विजय गोयल- संसदीय मामलों के मंत्री, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
राधाकृष्णनन- वित्त मत्रांलय
एसएस अहलुवालिया- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय
रमेश चंदप्पा- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय
रामदास अठावले- सामाजिक न्याय और अधिकारिता
विष्णु देव- इस्पात मंत्रालय
राम कृपाल यादव- ग्रामीण विकास मंत्रालय
हंसराज अहीर- गृह मंत्रालय
हरिभाई पार्थभाई चौधरी- कोयला मंत्रालय
राजेन गोहैन- रेलवे
जनरल वी के सिंह- विदेशी मामले
पुरषोत्तम रूपाला- कृषि एवं किसान कल्याण
कृष्ण पाल- सामाजिक न्याय और अधिकारिता
जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर- जनजातीय मामले
शिव प्रताप शुक्ला- वित्त मंत्रालय
अश्विनी कुमार चौबे- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
उपेंद्र कुशवाहा- एचआरडी मंत्रालय
किरण रिजिजू- गृह मंत्रालय
वीरेंद्र कुमार- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय
अनंत कुमार हेगड़े- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय
एम जे अकबर- विदेशी मामले
साध्वी निरंजन ज्योति- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
वाई एस चौधरी- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
जयंत सिन्हा-  नागर विमानन
बाबुल सुप्रियो- भारी उद्योग
विजय सांपला- सामाजिक न्याय और अधिकारिता
अर्जुन राम मेघवाल- संसदीय मामलों के मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय
अजय टम्टा- वस्‍त्र
कृष्णा राज- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
मनसुख एल. मनडाविया- सड़क परिवहन और राजमार्ग, शिपिंग, रसायन एवं उर्वरक
अनुप्रिया पटेल- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
सी.आर. चौधरी- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण
पी.पी. चौधरी- विधि एवं न्याय इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री
सुभाष रामाराव भामरे- रक्षा
गजेंद्र सिंह शेखावत- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
सत्यपाल सिंह- मानव संसाधन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय
राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल में यह पहला शपथ ग्रहण कार्यक्रम था। शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले
पदोन्नत कर केंद्रीय मंत्री बनाए गए धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमन ने शपथ ली। इसके बाद नौ राज्य मंत्रियों शिव
 प्रताप शुक्ल, अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्रे कुमार, अनंत कुमार हेगड़े, राजकुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, गजेंद्र सिंह
शेखावत, सत्यपाल सिंह व अल्फोंस के जे को शपथ दिलाई गई। समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, भाजपा महासचिव
रामलाल समेत कई केंद्रीय मंत्री व प्रमुख नेता मौजूद थे।
रणनीति के साथ संतुलन की राजनीति
गोरखपुर से आने वाले शिव प्रताप शुक्ल आम तौर पर पार्टी में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के विरोधी माने जाते हैं। उनके आने से गोरखपुर की पार्टी राजनीति में संतुलन बनाया गया है। इसी तरह बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह के जरिए रालोद नेता अजित सिंह की चुनौतियां बढ़ाई गई हैं। इसे उत्तर प्रदेश में 2019 की चुनाव की रणनीति से भी देखा जा रहा है।
बिहार में बिठाया गया अंदरूनी संतुलन
केंद्र सरकार में बिहार से वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राज कुमार सिंह को शामिल किया गया है। प्रदेश की राजनीति में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के विरोधी खेमे के नेता चौबे को केंद्र में लाकर संतुलन बनाया गया है। वे राज्य से केंद्र में पहले ब्राह्मण मंत्री हैं। राजीव प्रताप रूड़ी की जगह राजकुमार सिंह को लाकर जातीय संतुलन बरकरार रखा गया है।
विधानसभा चुनावों को देखते बनाया गया मंत्री
लोकसभा से पहले होने वाले कर्नाटक, मध्य प्रदेश व राजस्थान के विधानसभा चुनावों को देखते हुए मध्य प्रदेश से नए दलित चेहरे वीरेंद्र सिंह को सरकार में शामिल किया गया है। राज्य से आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते से इस्तीफा लिया गया है। थावरचंद गहलोत के बाद वे प्रदेश से दूसरे दलित मंत्री हैं। राजस्थान में जेधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को लिया गया है। राजपूत समुदाय से आने वाले शेखावत के नाते से विधानसभा चुनाव के समीकरण भी साधे गए हैं। कर्नाटक में भी आगले साल चुनाव होने हैं। ऐसे में उत्तर कर्नाटक से बाहुबली व तेजतर्रार माने जाने वाले अनंत हेगड़े को सरकार में शामिल किया गया है।
हरदीप भाजपा के सिख मंत्री, अल्फोंस से केरल पर निशाना
गैर सांसद मंत्री बनने वाले हरदीप पुरी वैसे पंजाब से हैं और भाजपा से आने वाले पहले सिख मंत्री है। हालांकि उनका उपयोग सरकार के प्रशासनिक कामकाज को बेहतर करने में किया जाएगा। अल्फोंस के जे केरल से हैं जो भाजपा के लिए मिशन 2019 के लिए नए लक्ष्य वाला राज्य है। इन दोनों को राज्यसभा के जरिए लाया जाएगा। वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति बनने व मनोहर पारीकर के मुख्यमंत्री बनने के बाद जल्द ही दोनों राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं।
चुनावी मिशन संभालेंगे चारों नए कैबिनेट मंत्री
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार से कैबिनेट मंत्री बनाए गए चारों मंत्रियों का संगठन के चुनावी कामकाज में उपयोग किया जाएगा। इनको संगठन में लाए बिना संगठन को मजबूत किया जाएगा। प्रधान की पदोन्नति भाजपा के मिशन ओडिशा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
सहयोगी दलों के लिए जगह बाकी
विस्तार में केवल भाजपा के मंत्रियों को ही शामिल किया गया है। मंत्रि परिषद में संविधान के मुताबिक अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं। इस तरह अभी भी पांच और मंत्री बनाए जा सकते है। भविष्य में जद (यू) से दो, अन्नाद्रमुक से एक व शिवसेना से एक मंत्री को शामिल करने का