तीन तलाक के मुद्दे पर फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती मुक्करम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया पर हमें ताज्जुब है। संविधान ने सभी को अपने धर्म के लिए पूरी स्वतंत्रता दी है। यब सीधे सीधे संवैधानिक अधिकारों में दखल देना है। मैं मजहब में तलाक का समर्थन नहीं करता, लेकिन यदि कोई मज़बूरी में तीन बार तलाक़ बोल दे तो उसे न मानना अल्लाह के कानून की नाफ़रमानी है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए तीन तलाक को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर मेरठ के उलेमाओं ने अपनी अलग-अलग प्रतीक्रियाएं दी हैं। मेरठ के शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल तीन तलाक के मुद्दे पर दखलंदाजी से इंकार किया है लेकिन केंद्र सरकार को संसद में कानून बनाने के लिए कहा है। देशभर में उलेमाओं की जद्दोजहद रहेगी कि संसद में ऐसा कोई कानून न बनने पाए, जो कुरान और हदीस की रोशनी में न हो।
शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के मुद्दे पर आए फैसले पर अपनी त्वरित टिप्पणी में कहा कि हमारा कानून कुरान और हदीस के मुताबिक है। हर मुस्लिम उसे मानने के लिए पांबद है। काजी ईदगाह लिसाड़ी कारी अफ्फान कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट को तीन तलाक के मामले में केंद्र सरकार के पाले में गेंद नहीं डालनी चाहिए थी। शिक्षिका निगहत का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मामले में दखलंदाजी से इंकार किया, लेकिन छह महीने तक तीन तलाक पर रोक के साथ ही केंद्र को संसद में कानून बनाने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मामले में कोर्ट और सरकार कोई दखल न करें। तीन तलाक का मुद्दा कुरान और हदीस की रोशनी में हल होते है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दारुल उलूम का ने कहा कि फैसले की कॉपी मिलने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। उन्होंने कहा कि तीन तलाक दमसला शरीयत-ए-इस्लाम का मसला है। जिसको तब्दील नहीं किया जा सकता। यह इंसान का बनाया हुआ मसला नहीं कुरान ओ हदीस से साबित है। दारुल उलूम मोहतमिम ने कहा कि शरीयत में कोई भी दखल अंदाज़ी बर्दाश्त नहीं होगी। मोहतमिम ने कहा कि मुस्लिम परसनल लॉ बोर्ड प्रकरण में जो फैसला लेगा उसमे हम उनके साथ हैं। तीन तलाक: तीन तलाक पर अहम फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच जज