सफदर रिज़वी (वरिष्ठ पत्रकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मदरसों को जो फतवा जारी किया है उससे मुसलिम समाज और सरकार के बीच विवाद  खड़ा होना तय है। सरकार के इस फरमान से न सिर्फ मुसलिम समाज के लोग नाराज हैं बल्कि दूसरे समूदाय के लोग भी नाराज  हैं। तमाम लोगों का कहना है कि अल्पसंख्यक सस्थाओं जिसमें मदरसे भी शामिल हैं हमेशा से स्वतंत्रता दिवस पर ऐसे कार्यकम करते रहे हैं इसलिए ऐसे किसी फरमान की जरुरत नहीं है। ऐसा देश का माहौल खराब करने और मुसलमानो की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। योगी सरकार ने बूचड़खानों को बंद करवा के मुसलिम समुदाय को यह संदेश दिया था कि वह  उन्हें चैन से नहीं बैठने देगी। उसी कड़ी का यह दूसरा कदम है। अगर इस तरह का कोई निर्देश जारी करना जरुरी था तो सभी  शिक्षण सस्ंथाओ के लिए करना चााहिए था। एक समुदाए को निशाना बनाना गलत है। राज्य सरकार ने र्सिफ मदरसों को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिया हैं।

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने हाल में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उपनिदेशक तथा राज्य के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजे गये आदेश में कहा है कि आगामी स्वाधीनता दिवस पर राज्य के सभी मदरसों में  झण्डारोहण के साथ राष्ट्रगान गाया जाए। आदेश में स्वाधीनता दिवस पर सभी मदरसों में छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीतों का प्रस्तुतिकरण करने, स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने, उनके सम्बन्ध में बच्चों को बताने तथा राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है। आदेश में अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि वे मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों की तस्वीरें और वीडियो फुटेज प्राप्त करें, ताकि उत्कृष्ट श्रेणी के कार्यक्रमों को भविष्य में दोहराया या प्रोत्साहित किया जा सके। मालूम हो कि प्रदेश मेंइस वक्त परिषद से मान्यता प्राप्त करीब 8000 मदरसे हैं।


 उनमें से 560 मदरसे राज्य सरकार के अनुदान से चलते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चैधरी ने यह आदेश जारी करने की वजह से बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार का मानना है कि जो मदरसे उसके वित्तीय सहयोग से चल रहे हैं, कम से कम उन्हें तो स्वाधीनता दिवस समेत तमाम राष्ट्रीय पर्व मनाना चाहिये।इस दिन मदरसों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये विद्यार्थियों को हमारे स्वाधीनता संग्राम के समृद्ध इतिहास के बारे में बतायाजाएगा, जिससे वे निश्चित रूप से प्रेरित होंगे। चैधरी ने कहा कि जो लोग इस आदेश के पीछे सरकार की मंशा पर शक कर रहे हैं, मुझे राष्ट्रवाद के प्रति उनकी गम्भीरता पर संदेह होता है।

तुष्टीकरण की राजनीति करने वाली पूर्ववर्ती सरकारों के बरक्स मौजूदा भाजपा सरकार राष्ट्रवाद पर जोर दे रही है। इस बीच, इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम फरंग महल के प्रमुख और आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश-प्रदेश के मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया जाता रहा है। इसके अलावा विद्यार्थियों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी बताया जाता रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा यह आदेश जारी करने का क्या मतलब लगाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जहां तक स्वतंत्रता दिवस समारोह की वीडियोग्राफी का सवाल है तो सरकार यह बताए कि क्या उसने यह आदेश प्रदेश के सभी स्कूलों के लिये जारी किया है, या यह फरमान सिर्फ मदरसों के लिये है। अगर ऐसा है तो क्या इसे मदरसों की देशभक्ति पर सवाल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिये।