अनवर चौहान
पिछले दिनों सेना और सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया मोस्ट वांटेंड आतंकी अबु दुजाना लश्कर का नहीं अलक़ायदा कमांडर था। इससे एक बात साफ हो गई है कि अलक़ायदा ने घाटी में पैर पसार लिये हैं. लेकिन जब से उसकी एक ऑडियो क्लिप सामने आई है, उसका संबंध अल कायदा से था। दुजाना के साथ ही सुरक्षाबलों ने एक और आतंकी आरिफ लाहिरी को भी मार गिराया था। यह क्लिप दोनों के मारे जाने के कूछ ही घंटों पहले की है और इस क्लिप ने घाटी में अल कायदा की मौजूदगी पर भी मोहर लगा दी है। ओसामा बिन लादेन ने 1988 में अल कायदा का गठन किया था। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकियों ने कुछ ही दिन पहले लश्कर को छोड़कर अल कायदा ज्वॉइन कर लिया था। दुजाना की जो ऑडियो क्लिप सामने आई है उसमें आरिफ और दुजाना ने आरिफ के घरवालों से बात की है। साथ ही अलकायदा कमांडर जाकिर मूसा और कश्मीरियों को भी एक संदेश दिया है। अल कायदा ने कश्मीर में जो यूनिट शुरू की है उसका नाम गजवत-उल-हिंद है और कहा जा रहा है कि दोनों ने ही लश्कर को छोड़कर इस संगठन को ज्वॉइन कर लिया था जिसका मुखिया जाकिर मूसा है। मूसा दुजाना की मौत के बाद एक वीडियो जारी किया है और उसने दुजाना को शहीद करार दिया है।
पाकिस्तान के झंडे में न लपेटें आरिफ ने मरने से पहले जो फोन कॉल अपने घर पर की थी वह तीन मिनट 16 सेकेंड की है। आरिफ ने इस क्लिप में कहा है कि अगर उसकी मौत हो जाए तो उसे पाकिस्तान के झंडे में न लपेटा जाए और सुपर्द-ए-खाक करते समय उसे तौहीद झंडे में लपेटा जाए। तौहीद झंडा अल कायदा प्रयोग करता है। आरिफ का कहना था कि ऐसा करके उसके परिवार को उसकी शहादत का सम्मान करना होगा। आरिफ ने अपने भाई से कहा है कि वह उसकी कामयाबी की दुआ करता है और वह जरूर एक दिन कामयाब होगा। आपको बता दें कि अबु दुजाना पीओके का रहने वाला था।