नई दिल्ली: पिछले कुछ साल में मेट्रो दिल्ली की लाइफलाइन के रूप में बनकर सामने आई है. ऐसे में जरा सोचिए किसी एक दिन दिल्ली मेट्रो के पहिए थम जाए तो क्या हाल होगा. संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को दिल्ली मेट्रों के पहिए थम सकते हैं. दरअसल, 24 जुलाई को डीएमआरसी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह काम बंद रखने का ऐलान किया है. विरोध की छुटपुट मामले लगातार आ रहे हैं. शुक्रवार को भी DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) के कर्मचारियों ने कुछ स्टेशनों पर विरोध जताकर अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की थी. हालांकि अभी तक किसी भी बड़े अधिकारी ने कर्मचारियों को शांत कराने की कोशिश नहीं की है. बंद की ये है वजह: डीएमआरसी के स्टॉफ काउंसिल के सचिव अनिल महतो ने बताया कि 29 मई 2015 को DMRC ने कर्मचारियों के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत कर्मचारियों को बढ़े हुए पे-स्केल पर सैलरी देने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विरोध करने पर उलटा एक कर्मचारी को टर्मिनेट कर दिया गया. अनिल महतो का दावा है कि ऑपरेशन कंट्रोल रूम में फोटो खिंचावाने के आरोप में चार्जशीट दी गई है. आरोप है कि कई कर्मचारियों को नेगेटिव प्वाइंट दिए गए और कुछ को नोटिस थमा दिया गया.


`नौकरियों की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करते हैं अधिकारी`: मीडिया रिपोर्ट्स में अनिल महतो ने आरोप लगाया है कि डीएमआरसी में ज्वाइनिंग के लिए होने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक किए जाते हैं, यह काम यहां के बड़े अधिकारी ही करते हैं. काउंसिल का दावा है कि उनकी शिकायत पर इस मामले में विजिलेंस विभाग जांच कर रही है.  डीएमआरसी के कर्मचारियों की मांग है कि उनकी सैलरी बढ़ाई जाए. 29 मई 2015 के समझौते के तहत कर्मचारियों को एक समान वेतन दिया जाए. 12 साल की नौकरी के बाद हटाए गए विनोद शाह को वापस लिया जाए. अनिल महतो और काउंसिल के सदस्य रवि भारद्वाज को दी गई चार्जशीट खत्म की जाए.  जिन कर्मचारियों को नेगेटिव मार्किंग दी गई है, पॉजिटिव किया जाए.  नौकरियों के प्रश्नपत्र लीक मामले की सीबीआई जांच हो.

क्या कहते हैं DMRC के अधिकारी: दिल्ली मेट्रो के प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोत्तरी की मांग को एचआर विभाग को सौंप दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि तीसरे वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार मान चुकी है. आदेश जल्द जारी हो सकते हैं, इसलिए सैलरी के मुद्दे जल्द सुलझा लिए जाएंगे. हालांकि उन्होंने कर्मचारियों पर की गई कार्रवाई को अनुशासनहीनता से जुड़ा बताया, इसलिए इसपर कदम फैसला लेने का सवाल ही नहीं है. मालूम हो कि शुक्रवार को बदरपुर, विश्वविद्यालय, कुतुब मीनार, शाहदरा समेत 7 मेट्रो स्टेशनों पर कर्मचारियों ने विरोध किया गया. दिल्ली एनसीआर में करीब 300 मेट्रो ट्रेनें चलती हैं.  इनमें करीब 30 से 35 लाख यात्री रोजाना सफर करते हैं.

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