एक हजार करोड़ रुपये के बेनामी भूमि सौदों और कर चोरी मामले में आयकर विभाग ने लालू प्रसाद के परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। विभाग ने लालू की पत्नी, पुत्र और पुत्रियों को विभिन्न बेनामी संपत्तियों को जब्त करने का नोटिस भेजा है। आयकर विभाग ने लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पुत्री चंदा व रागिनी यादव एवं पुत्री मीसा भारती तथा उनके पति शैलेश कुमार की संपत्ति को अस्थायी तौर पर जब्त करने का नोटिस भेजा है। यह नोटिस बेनामी लेन देन (प्रतिबंध) कानून की धारा 24(3) के तहत जारी किए गए हैं। विभाग द्वारा यह नोटिस जारी किए जाने के बाद संबंधित संपत्ति की बिक्री या बैंक खातों से लेन देन नहीं किया जा सकता है। हालांकि विभाग ने आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया है कि कितनी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लेकिन अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि लालू के परिजनों की बेनामी संपत्तियों और परि-संपत्तियों की पहचान कर ली गई है। इसके मद्देनजर लाभार्थियों को बेनामी कानून के तहत विभाग को मिले अधिकार के तहत अस्थायी तौर पर जब्त करने के नोटिस भेजे गए हैं।
विभाग ने दिल्ली-एनसीआर और पटना में कई अचल संपत्तियों को जब्त किया जाना स्पष्ट किया है। इनमें जमीन, प्लाट और इमारत शामिल है। इन संपत्तियों का बैनामा मूल्य 9.32 करोड़ रुपये है, लेकिन आयकर अधिकारियों की माने तो इनका मौजूदा बाजार मूल्य 170 से 180 करोड़ रुपये है। पटना के फुलवारी शरीफ में कुल नौ प्लाट जब्त किए गए हैं। इन पर एक मॉल भी बनाया जा रहा है। इस मामले में विभाग ने पिछले महीने देशभर में छापेमारी की थी। बेनामी संपत्ति कानून में लाभार्थी वह व्यक्ति नहीं होता जिसके नाम से संपत्ति खरीदी गई है। आयकर अधिकारियों के मुताबिक, लालू के पुत्र-पुत्रियों के खिलाफ बेनामी संपत्तियां बनाने के पुख्ता साक्ष्य हैं जिनकी जांच चल रही है। विभाग ने लालू की पुत्री और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को जुलाई के पहले सप्ताह में जवाब देने का तीसरा मौका दिया है। माना जा रहा है कि दिल्ली के बिजवासन, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, सैनिक फार्म, औरंगाबाद और पटना समेत अन्य स्थानों पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा संपत्तियों के मामले में यह कदम विभाग ने उठाया है। विभाग ने 16 मई को लालू यादव और उनके परिवार के कथित कारोबार से जुड़े दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और रेवाड़ी के 22 ठिकानों पर छापे मारे थे। इसमें कई अहम दस्तावेजों और कम्प्यूटर को जब्त किया गया था।
गौरतलब है कि लालू यादव और उनके परिवार के पास बड़ी तादात में बेनामी संपत्ति होने का आरोप अप्रैल में बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने लगाया था। तब उन्होंने दावा किया था कि उनके पास इस संबंध में पर्याप्त साक्ष्य भी हैं। इसके बाद आयकर विभाग द्वारा लालू से कथित तौर पर जुड़े 22 ठिकानों पर एनसीआर समेत अन्य स्थानों पर बेनामी संपत्ति मामले में छापेमारी की गई। बेनामी कानून है सख्त... --नए बेनामी कानून के तहत विभाग संपत्तियों को अस्थायी तौर पर संबद्ध यानी जब्त करने का नोटिस भेजता है। इसके तहत 90 दिनों के भीतर संबंधित पक्ष को अपना जवाब देना होता है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर विभाग अभियोग शुरू करेगा और इस कानून के उल्लंन पर सात साल की कड़ी सजा के साथ भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। इस 1988 के कानून को केंद्र ने पिछले साल एक नवंबर से लागू किया था।