इंदौर. मध्यप्रदेश में किसानों का असहयोग आंदोलन तीसरे दिन हिंसक हो गया। शनिवार दोपहर को इंदौर की चोइथराम मंडी की दुकानों में तोड़फोड़ से शुरू हुए आंदोलन ने रात होते-होते उपद्रव की शक्ल ले ली। शहर के एबी रोड पर चक्काजाम हुआ, बसें फोड़ दी गईं, पांच से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दी गई। एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। उधर, रतलाम में किसानों और सब्जी बेचने वालों के बीच झड़प से शुरू हुए हंगामे को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। उज्जैन जिले के नागदा में 300 दुकानों में तोड़फोड़ की गई। सब्जियां और फल लूट लिए। एएसपी समेत समेत 5 से ज्यादा लोग जख्मी...डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक तीन बार हवाई फायर की नौबत भी आई, लेकिन पुलिस ने नहीं किए। उपद्रव में 2 पुलिसकर्मियों समेत पांच से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। एएसपी रूपेश द्विवेदी को भी पत्थर लगने से चोट आई है। 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। रात करीब 12.45 बजे हालात पर काबू पाया जा सका।
- मामले की शुरुआत दोपहर में चोइथराम मंडी की दुकानों में तोड़फोड़ से हुई। उपद्रवियों ने शाम करीब साढ़े सात बजे फिर मंडी के बाहर हंगामा किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा तो लोग राजेंद्र नगर चौराहे पर पहुंचे। एबी रोड पर पौन घंटे उपद्रव मचाया, चक्काजाम किया। बसाें पर पत्थर फेंके। ग्रीनबेल्ट की जालियां उखाड़ दीं। 45 मिनट से ज्यादा समय तक मुंबई, पुणे और महाराष्ट्र के अन्य शहर जाने वाली कई बसें और वाहन फंसे रहे। ट्रक के बाहर जाने को लेकर शुरू हुआ हंगामा - हालात पर काबू पाने के लिए आला अफसरों ने 500 से ज्यादा का पुलिस बल भेजा। पूरा हंगामा चोइथराम मंडी के बाहर तरबूज से भरे ट्रक के बाहर जाने को लेकर शुरू हुआ। आंदोलनकारियों ने इसे रोका। एक पुलिसकर्मी ने उन्हें पहले समझाया। वे नहीं माने तो पुलिसकर्मी ने बंदूक तान दी। इससे किसान भड़क गए और गेट के बाहर रखे कई दोपहिया वाहन फोड़ दिए। आईविटनेस नितिन चौबे ने बताया, "मैं रात करीब 8.15 बजे बैंक से राजेंद्र नगर घर जा रहा था। तभी कई टू व्हीलर वाले चिल्लाते हुए निकले कि भागो यहां से। आगे किसानों ने गाड़ियों में आग लगा दी है। पत्थर मार रहे हैं।" किसान राजेंद्र नगर से राजीव गांधी चौराहा तरफ आ रहे थे। इतने में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर भीड़ को भगा दिया। किसानों द्वारा विरोध करने पर भी सब्जी बेचने वाले नहीं माने तो गुस्साए किसानों ने पथराव कर दिया। जिससे एसडीओपी बिसेनसिंह चौहान के वाहन समेत चार फोर व्हीलर के कांच फूट गए। पत्थर लगने से टीआई अरविंदसिंह राठौर घायल हो गए। कुछ लोगों ने आलोट नाका क्षेत्र में रोड किनारे रखी बाइक्स में आग लगा दी। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हवाई फायरिंग की। 8 बाइक्स को नुकसान पहुंचाया गया। हड़ताल से दूध और सब्जी की सप्लाई प्रभावित हो रही है।
उज्जैन जिले के नागदा में तो प्रदर्शनकारी सब्जी मंडी में घुस गए, वहां 300 दुकानों में तोड़फोड़ की। ठेले पलटा दिए। सब्जियां और फल लूट लिए। सब्जी बेचने वाली महिलाओं से मारपीट की। कुछ सब्जी बेचने वालों का गल्ला भी लूट लिया। खाचरौद में किसानों ने लोडिंग गाड़ियां रोक लीं। उसमें से टमाटर निकालकर सड़क पर फेंक दिए। शुजालपुर में आंदोलन के नाम पर उपद्रवियों ने दूध-सब्जी बेचने वालों से हाथापाई की। कुछ जगहों पर तोड़फोड़ भी की। व्यापारियों का 15 लीटर घी, 65 लीटर दूध और मावा सड़क पर फेंक दिया। शाजापुर में किसानों ने रैली निकालकर रविवार को शहर बंद का एलान किया है। भारतीय किसान संघ ने कहा- आंदोलन हमारा, पर हिंसा करने वाले हमारे लोग नहीं आंदोलन से अब तक खुद को दूर रख रहे भारतीय किसान संघ के मेंबर्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "यह आंदोलन हमारे बैनर तले हो रहा है, लेकिन हिंसा करने वाले हमारे लोग नहीं हैं।" प्रोविंशियल ट्रेजरर लक्ष्मीनारायण पटेल ने कहा, "आंदोलन में हम हिंसक घटनाओं का समर्थन नहीं कर रहे हैं। उम्मीद है सरकार एक-दो दिन में हमें चर्चा के लिए बुलाकर किसानों के हित में फैसले लेगी। एेसा नहीं हुआ तो आंदोलन 10 जून तक या इससे आगे भी चल सकता है।"
इंदौर के कलेक्टर पी. नरहरि ने कहा, "उपद्रव करने वालों को सख्ती से रोका है। शहर की शांति भंग नहीं होने देंगे। सभी जगहों पर पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन के अफसर मौजूद हैं। हालात कंट्रोल में हैं।"