मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार ने अपना लेखा-जोखा बताया। सरकार की ओर से बताया गया कि पिछले तीन साल में वैश्विक मंदी की वजह से चुनौतीपूर्ण माहौल रहे। इस दौरान मॉनसून भी खराब रही और हमें विरासत में खराब अर्थव्यवस्था मिली। वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की एंट्री बड़ी कामयाबी है। रक्षा क्षेत्र में खरीद की प्रक्रिया को और आसान बनाया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के तीन साल का लेखा-जोखा देते हुए कहा कि जनवरी से मार्च तक की तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रहने के पीछ कई वजह हैं। उनहोंने कहा कि ये नोटबंदी की वजह से नहीं हुआ। बल्कि इन तीन सालों के दौरान पूरी दुनिया में मंदी का माहौल था। इसके अलावा हमें विरासत में जो अर्थव्यवस्था मिली वो खराब थी। पिछल तीन सालों में मॉनसून भी खराब रहा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहले फैसले लेने वाली सरकार नही थी। लेकिन अब फैसले लेने वाली सरकार आई है। जिससे पूरी दुनिया में भारत के प्रति भरोसा पैदा हुआ है। जेटली ने कहा कि FDI सुधार का निवेश पर बड़ा प्रभाव पड़ा। सरकार ने भ्रष्टाचार वाली व्यवस्था खत्म की जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की साख मजबूत हुई। जीएसटी पर वित्त मंत्री ने कहा कि इस देश में पहली बार हम एक आम राय के साथ जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया को काफी आगे तक ले गए हैं, इसके लागू होने से देश के अंदर कर प्रणाली में एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा। नोटबंदी पर अरुण जेटली ने कहा कि इसके माध्यम से सरकार ने न्यू नॉर्मल बनाया। कैश इकॉनमी और शैडो इकॉनमी की जो व्यवस्था थी, उसको खत्म करने का एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया। नोटबंदी के 3 लाभ हुए- पहला डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ना, टैक्सपेयर बेस में बढ़ोतरी। एक संदेश गया कि अब कैश में डील करना सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि `ऑपरेशन क्लीन मनी` के लिए ऐतिहासिक निर्णय किए गए।