अनवर चौहान
आखिरकार सियासत के पंडितों की बात सही साबित हुई। CRIMEINDIAONLINE.COM खुलासा भी सही साबित हुआ। जिस में साफ लिखा था कि मुलायम के पुत्र मोह में शिवपाल की चढ़ी बलि। अब समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने साफ कह कि अखिलेश यादव ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। इस तरह उन्होंने सीएम पद के लिए अखिलेश के नाम का ऐलान कर दिया। इस तरह सारे विवादों का खात्मा हो गया। अभी तक मुलायम सिंह यह कहते रहे हैं कि चुनाव बाद विधायक ही मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। पार्टी को विघटन से बचाने और साइकिल बरकरार रखने के लिए इसे उनका आखिरी दांव माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मना लेंगे।
मुलायम सिंह यादव ने सोमवार शाम लखनऊ लौट कर अपनी टीम से बात की और बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि सपा के टूटने का सवाल ही नहीं है। सपा पूरी तरह एक है। अब कोई विवाद नहीं है। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी एक है और वह अखिलेश यादव के लिए प्रदेश भर में प्रचार करेंगे। मुलायम ने कहा कि न पार्टी टूटी है और न टूटेगी। मुलायम जब शाम लगभग 6 बजे दिल्ली से लौटे तो मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति उन्हें लेने हवाइ अड्डे गए। दोनí#2379;ं की इस मुद्दे पर अहम बातचीत हुई। इसके अलावा सपा कोषाध्यक्ष संजय सेठ भी मुलायम से मिले। मुलायम के रुख में बदलाव के पीछे दोनों नेताओं की भूमिका मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार सुबह मुलायम और अखिलेश संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। मुलायम ने कहा कि अखिलेश के समर्थन में वह सभी मंडलों में जनसभा करेंगे।
मुलायम के बदले तेवर से लग रहा है कि मुलायम अब समझौते के मूड में हैं, पर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अध्यक्ष पद अखिलेश यादव के लिए छोड़ेगे या नहीं। असल में मुलायम ने यह बयान देकर सुलह की आखिरी कोशिश की है और गेंद उनके पाले में डाल दी है। सूत्र बता रहे हैं कि मंगलवार को मुलायम बेटे को मनाने की कोशिश करेंगे। इस मुलाकात में न अमर सिंह होंगे और न रामगोपाल यादव। अब देखना है कि सुलह के इन प्रयासों पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का क्या जवाब रहता है।