(अनवर चौहान) फिरक़ा परस्त, और देश के कायरों के लिए ये ख़बर बहुत ही अहम है। ,,मेरा भारत महान,, की एक बानगी है ये ख़बर। रविवार शाम को केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम के निकट एक गांव में चार लोगों ने डंडों से पीट-पीटकर शब्बीर को बुरा तरह घायल कर दिया था। पुलिस ने इस वारदात को गैंगवार का नतीजा बताया था। वारदात के बाद 20-25 साल के शब्बीर को राहगीरों ने फौरन अस्पताल ले जाया गया था, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई थी। चारों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और उनके इस हमले का वीडियो एक ऐसे व्यक्ति ने रिकॉर्ड किया था, जिसने कथित रूप से कहा कि उसे शब्बीर को बचाने की कोशिश करने में डर लग रहा था, लेकिन वीडियो रिकॉर्ड करना उसे सुरक्षित लगा। वारदात के 46 सेकंड के वीडियो को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने देखा, और राष्ट्रीय समाचार चैनलों ने भी इस ख़बर को प्रमुखता से चलाया था। शिव मंदिर के सालाना होने वाले पूजा समारोह के आयोजन में लगातार अपना योगदान किया करता था। पूजा शामिल होने आए लोगों की खिदमत में जुटा रहता था। इस मुस्लिम युवक एमवी शब्बीर के गृहनगरों के गांव में बने मंदिर ने उसकी याद में एक अनूठी मिसाल क़ायम कर दी है। "शिव मंदिर के पदाधिकारियों ने ये फैसला लिया कि शब्बीर के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए न शंख बजाया जाएगा, न घंटियां बजाई जाएंगी... इन दो दिनों में प्रातःकालीन `दर्शन` के बाद दिनभर में पांच बार की जाने वाली पूजा भी नहीं की जाएगी..."