(अनवर चौहान) नई दिल्ली, तमिलनाडू के विलूप्पुरम में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की तीन छात्राओं की खुदकशी ने कॉलेज के सारे राज़ फाश कर दिए हैं। कागज़ों में तो ये मेडिकल कॉलेज ही है पर चलता सड़क पर है। इस अस्पताल कका मुर्दाघर छात्रों का डाइनिंग रूम है। ऑपरेशन थिएटर, जो असल में एक बेहद गंदा-सा कमरा है, जिसमें सिर्फ तीन चारपाई पड़ी हैं। यदि आप जाकर देंखेंगे तो वहां सीमेंट की बोरियां रखी मिलेंगी। इस कॉलेज की तीनों छात्रओं के शव शनिवार को कॉलेज के ठीक सामने मौजूद एक कुएं से निकाले गए थे, और उनकी चप्पलें और बस्ते भी पास ही पड़े मिले। इन्हें आखिरी बार शुक्रवार को देखा गया था। एक सुसाइड नोट ने इस अस्पताल के गहरे राज़ खोले हैं। लिखा है कि में चेन्नई से लगभग 170 किलोमीटर दूर विलूप्पुरम में बने आठ साल पुराने इस एसएसवी कॉलेज ऑफ नैचुरोपैथी एंड योगा साइंसेज़ (SSV College of Naturopathy and Yoga Sciences) में बुनियादी सुविधाऐं तक नहीं हैं। कॉलेज फीस के नाम पर `जबरन वसूली` की जाती है। चेन्नई-सलेम हाईवे पर मौजूद कैम्पस में सिर्फ एक ही हिस्सा बना है, जहां क्लासरूम और शिक्षकों के लिए कमरे हैं... बाकी असपताल का कोई ढांचा ही नहीं है। ऑपरेशन थिएटर, कॉर्डियोलॉजी विभाग, एक्सरे विभाग और न्यूट्रीशन एंड डाइट डिपार्टमेंट शामिल हैं। कॉलेज में अस्पताल की कोई इमारत ही नहीं है, हालांकि साइनबोर्ड पर अस्पताल के वजूद का दावा किया गया है। जिस कमरे के बाहर ऑपरेशन थिएटर लिखा है, उसके भीतर कुछ चारपाइयां पड़ी हैं, एक सक्शन उपकरण है, जिसकी छत अलग-से प्लाईवुड से बनवाई गई है। उसकी हालत ये है कि `अब गिरी, तब गिरी` की हालत है। खुकशी करने वाले लड़कियों में एक मोनिशा और उसकी दो सहेलियां कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की कमी और मोटी फीस वसूली जाने की बार-बार शिकायत करती रहीं। शिकायत में साफ लिखा है कि उन्हें फीस की रसीद भी नहीं दी जाती। विधायक आर. राममूर्ति ने बताया, "यह कॉलेज नैचुरोपैथी कॉलेजों को नियंत्रित करने वाले आयुष मंत्रालय तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए सभी नियमों का उल्लंघन कर रहा है... उन्हें सूचना दे दी गई थी, और उन्होंने कॉलेज का निरीक्षण भी किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।