वरिष्ठ पत्रकार अनवर चौहान
इसी साल होन वाले तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिलने की इमाकान नज़र आने लगे हैं। इस बात को भाजपाइयों ने अभी से तस्लीम कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री सत्य हिंदी के एक कार्यक्रम में कहा छत्तीस गढ़ और मध्यप्रदेश के हालात एकदम साफ हैं। वहां कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। और राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होगी। श्री शास्त्री कहा कि इस वक्त भारत के जितने चीफ मिनिस्टर हैं उनमें सबसे बहतर छत्तीस गढ़ के सीएम भूपेष बघेल हैं। हाल ही में एक चुनावी सर्वेक्ष आया है। उसमें 2019 के मुकाबले कांग्रेस का वोट दस फीसदी बढ़ा है। जबकि भाजपा का महज़ दो फीसदी वोट ही बढ़ सका है।
सोमपाल शास्त्री का तर्क


सोमपाल शास्त्री तर्क देते हैं कि छत्तीस गढ़ में जिस तरह से बघेल ने सरकार चलाई है उसका वापस लौटना तय है। वहां काग्रेस में किसी गुटबाज़ी को पनपने नहीं दिया।   मध्यप्रदेश में भाजपा कर्नाटका जैसा हाल है। वहां भाजपा में गुटबाज़ी जमकर चल रही है। लिहाज़ा यहां भी कांग्रेस का जीतना तय माना जा रहा है। रही बात राजस्थान की। यहां कांग्रेस के लिए सचिन पायलट थोड़ी दिक्कत खड़ी कर सकते हैं। अलबत्ता भाजपा के लिए एक दो नहीं कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। सोमपाल शास्त्री एक बात और साफ कही कि 2024 में भाजपा के लिए इस बार जीतना आसान नहीं होगा।
कर्नाटक में कांग्रेस की वापसी के बाद भाजपा, खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है। क्या मोदी लहर राज्यों में कमजोर पड़ रही है? क्या राहुल गांधी का कद तेजी से बढ़ा है? लोकनीति-सीएसडीएस और एनडीटीवी ने सर्वे के जरिए ऐसे कई सवालों का जवाब ढूंढने की कोशिश की है। जनता की राय के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी भारत के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। साथ ही देश की सबसे बड़ी पोस्ट के लिए वह लोगों की पहली पसंद भी हैं। पीएम मोदी के कार्यकाल को 9 साल हो रहे हैं और ऐसे में सर्वे के जरिए जनता का मूड भांपने की कोशिश की गई। अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। कर्नाटक चुनाव के ठीक बाद 19 राज्यों में 10 से 19 मई के बीच यह सर्वे किया गया है।
सर्वे के नतीजे बता रहे हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता को कोई हिला नहीं सका है और पार्टी का वोट शेयर उसके साथ बरकरार है। सर्वे में शामिल करीब 43 फीसदी लोगों ने कहा कि भाजपा की अगुआई वाली एनडीए को तीसरा कार्यकाल भी मिलना चाहिए, जबकि 38 प्रतिशत लोग इसके विरोध में थे। 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव हुए तो वे भाजपा को वोट देंगे। कांग्रेस को 29 प्रतिशत लोगों ने वोट देने की बात कही। 2019 में भाजपा का 37 प्रतिशत वोट शेयर था जो 2023 में बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया। यानि महज़ दो फीसदी वोट ही बढ़ पाया है। जबकि कांग्रेस का 19 प्रतिशत से बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया। यानि चार साल में कांग्रेस का वोट 10 फीसदी बढ़ा। जबकि अभी चुनाव में एक साल बाक़ी है।
 खास बात यह है कि सर्वे में शामिल 43 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव कराए जाते हैं तो पीएम पोस्ट के लिए नरेंद्र मोदी ही उनकी पहली पसंद होंगे। हां, दूसरे नंबर पर राहुल गांधी टक्कर दे सकते हैं। 27 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में राहुल को अपनी पहली पसंद बताया। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल दोनों 4 प्रतिशत वोट के साथ काफी पीछे हैं। अखिलेश यादव के पक्ष में 3 प्रतिशत और नीतीश कुमार के समर्थन में 1 प्रतिशत लोग खड़े दिखे।
पीएम मोदी का समर्थन करने वाले ज्यादातर लोग (25 प्रतिशत) उनकी भाषण शैली के कायल हैं। विकास के लिए 20 फीसदी, हार्ड वर्क के लिए 13 प्रतिशत, करिश्मा के लिए 13 प्रतिशत और 11 प्रतिशत लोग नीतियों के कारण मोदी को पसंद करते हैं। जब लोगों से यह पूछा गया कि 2024 में पीएम मोदी को कौन चुनौती दे सकता है? इसके जवाब में 34 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी का नाम लिया जबकि अरविंद केजरीवाल का नाम लेने वाले 11 प्रतिशत थे। 5 प्रतिशत लोगों ने अखिलेश, 4 प्रतिशत ने ममता का नाम लिया।

राहुल की रेटिंग भी बढ़ी


26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हमेशा से राहुल को पसंद करते रहे हैं जबकि 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल को पसंद करना शुरू किया। 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कांग्रेस नेता को पसंद नहीं करते। उधर, 55 प्रतिशत लोग कई मोर्चों पर सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। करीब 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक केंद्र सरकार के काम से संतुष्ट हैं। 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बिल्कुल भी सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
इसके अलावा अगले सवाल के जवाब में 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां कानून के तहत काम कर रही हैं जबकि 32 प्रतिशत लोगों का कहना है कि राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। लोकनीति-सीएसडीएस ने 71 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 7202 लोगों के बीच यह सर्वे किया है।