नई दिल्ली/रामल्ला.नरेंद्र मोदी शनिवार को फिलिस्तीन की राजधानी रामल्ला पहुंचे। यहां उन्हें प्रेसिडेंशियल हेडक्वॉर्टर अल-मुक्ता में गार्ड ऑफ आॅनर दिया गया। इसके बाद पीएम ने फिलिस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासर अराफात को श्रद्धांजलि दी। मोदी फिलिस्तीन के पीएम डॉ. रामी हमदल्लाह और प्रेसिडेंट महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे। मोदी 3 गल्फ देशों- फिलीस्तीन, यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई)और ओमान के दौरे पर हैं। शुक्रवार को वे जॉर्डन में थे। उनकी यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। वे यूएई में मंदिर का शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा ओमान में 100 साल पुराने शिवालय में दर्शन करेंगे। साथ ही मस्जिद भी जाएंगे। मोदी इस यात्रा पर खाड़ी देशों के कई अहम समझौते करेंगे।
येरूशलम से 8 किमी दूर स्थित है रामल्ला
 रामल्ला दुनिया की सबसे विवादित जगह येरूशलम से महज 8 किमी. दूर है। पिछले साल अमेरिका ने येरूशलम को आधिकारिक तौर पर इजरायल की राजधानी घोषित किया था। जिसके बाद कई देशों ने अमेरिका के फैसले का विरोध किया था। भारत ने यूएन में इस मुद्दे पर फिलिस्तीन का साथ दिया था।
इजरायल और फिलिस्तीन: भारत के दोनों से बेहतर रिश्ते
मोदी फिलिस्तीन जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वह पिछले साल जुलाई में इजरायल की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी थे। तब विदेश मामलों के जानकार कह रहे थे कि संभवत: भारत अपनी विदेश नीति बदल रहा है। इसलिए उसे अब फिलिस्तीन जैसे पुराने दोस्त की चिंता नहीं है।
अब मोदी ने अपनी इस यात्रा से इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की है। उन्होंने विदेश नीति में भी सबका साथ, सबका विकास फॉर्मूले को लागू किया है।
दोस्ती: भारत-फिलीस्तीन के रिश्ते 71 साल पुराने
भारत का फिलीस्तीन के विकास में तीन तरफा योगदान है। पहला, राजनीतिक समर्थन, दूसरा इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास और तीसरा आर्थिक सहयोग। इजरायल-फिलीस्तीन में तनाव के बीच भारत के रिश्ते फिलिस्तीन से हमेशा अच्छे रहे हैं। 1947 में भारत ने यूएन में फिलिस्तीन के विभाजन के खिलाफ वोटिंग की थी।1988 में फिलिस्तीन को देश का दर्जा देने वाले देशों में भारत पहले नंबर था।
1996 में भारत ने गाजा में रिप्रेंजेटेटिव ऑफिस खोला। 2003 में इसे रामल्ला भेजा। 2015 में फिलिस्तीन के ध्वज को मान्यता दी।
सहयोग: भारत आईटी पार्क, हॉस्पिटल बना रहा रामल्ला में बन रहे फिलिस्तीन इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमैसी के लिए भारत 30 करोड़ रुपए की मदद कर रहा है। मोदी इसका उद्धाटन कर सकते हैं।भारत, रामल्ला में टेक्नोलॉजी पार्क और गाजा में सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाने में भी मदद कर रहा है। 100 बेड का हॉस्पिटल भी बना रहा है। भारत अभी फिलिस्तीन की हर साल करीब 390 करोड़ रुपए की मदद करता है। मोदी इसे और बढ़ा सकते हैं।
मोदी 2015 में यूएई गए थे, तब करीब 34 साल बाद कोई भारतीय पीएम यूएई आया। इस बार दोनों देशों के बीच करीब 12 समझौतों पर साइन होंगे। यूएई के साथ भारत के पहले से कॉम्प्रेहेंसिव स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट है। मोदी रविवार को यूएई में सैनिकों की याद में बने मेमोरियल स्थल भी जाएंगे। दुबई में एक कम्युनिटी इवेंट को संबोधित करेंगे। मंदिर का शिलान्यास भी करेंगे।  मोदी दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट को भी संबोधित करेंगे। इसमें भारत गेस्ट ऑफ ऑनर कंट्री है। इसमें 26 देशों की सरकारों के प्रमुख, मंत्री और 2000 से ज्यादा रिप्रेजेंटेटिव भाग लेंगे। खाड़ी देशों के सीईओ से भी मिलेंगे। यूएई में 33 लाख भारतीय हैं। वे हर साल भारत को करीब 14 बिलियन डॉलर भेजते हैं। भारत, यूएई का दूसरा बड़ा ट्रेड पार्टनर है। 3.41 लाख करोड़ रु. का ट्रेड होता है।
ओमान: यहां कुल आबादी में 20% भारतीय मूल के लोग हैं


मोदी सोमवार को यूएई के बाद ओमान पहुंचेंगे। यह उनकी पहली यात्रा होगी। पीएम मोदी ओमान के टॉप नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। साथ ही मस्कट में कम्युनिटी इवेंट को संबोधित करेंगे। 12 फरवरी को ओमान के सीईओ के साथ मीटिंग होगी। इसी दिन एक मस्जिद जाएंगे और मस्कट स्थित शिव मंदिर में दर्शन करेंगे।  पिछले साल फादर टॉम की आईएस से रिहाई में ओमान ने भारत की मदद की थी। ओमान में 23 लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यह ओमान की कुल आबादी का करीब 20% है। देश के कुल वर्कर्स में 25% भारतीय हैं। इनमें 30% सेमी स्किल्ड और 35% स्किल्ड वर्कर हैं। ओमान में अधिकतर दक्षिण भारतीय हैं। वे वहां 10 से ज्यादा भारतीय मूल के लोगों के लिए स्कूल भी चलाते हैं।

109 साल पुराना है मस्कट का शिव मंदिर
शिव मंदिर मस्कट में सुल्तान के महल से महज कुछ दूरी पर ही स्थित है। मस्कट एयरपोर्ट से यह करीब 30 किमी दूर है। शिव मंदिर का 1999 में गुजरात के रहने वाले मर्चेंट समुदाय ने पुनर्निर्माण करवाया था। यह मंदिर करीब 109 साल पुराना है।  शिव मंदिर में तीन भगवान की मूर्तियां हैं। इनमें श्री आदि मोतिश्वर महादेव, श्री मोतिश्वर महादेव और श्री हनुमान जी हैं। यहां हर हफ्ते करीब 1500 से 4000 श्रद्धालु आते हैं।
दुबई का हिंदू मंदिर 2 साल में बनेगा
यह मंदिर दुबई-अबुधाबी हाईवे के किनारे अबू मुरेखाह में बनाया जा रहा है। इसका निर्माण बूचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था करवा रही है।  संस्था दुनिया में 1907 से काम कर रही है। अभी तक 1100 से ज्यादा मंदिरों का निर्माण करवा चुकी है। मंदिर 2020 में पूरी तरह बन जाएगा। मंदिर के लिए मुस्लिम व्यवसायी ने 5 एकड़ जमीन दान की है।
क्यों अहम खाड़ी दौरा?
अरब देशों का भारत से 20% ट्रेड, भारतीय 2.25 लाख करोड़ भेजते हैं अरब देशों का भारत के द्विपक्षीय ट्रेड में 20% हिस्सा है। यह 7.08 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। भारत के तेल और गैस जरूरतों का करीब 50% हिस्सा खाड़ी देशों से ही आता है। अरब देशों में 90 लाख भारतीय रहते हैं। पिछले 5 साल में करीब 20 लाख भारतीय यहां गए हैं। भारतीय कामगार यहां से हर साल देश को करीब 2.25 लाख करोड़ रुपए भेजते हैं। हर साल लाखों के संख्या मे लोग भारत से खाड़ी देश जाते हैं। यहां 20% भारतीय नर्सें काम करती हैं। सबसे अधिक भारतीय सऊदी अरब में रहते हैं।