सफदर रिजवी
नई दिल्ली। परमाणु हथियारों से लैस अमेरिका, चीन, उत्रर कोरिया, भारत, पाकिस्तान और दूसरे देशों को उन 50 देशों ने रास्ता दिखाने का काम किया है जिन्होंने परमाणु हथियारों को प्रतिबंधित करने के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किया है। इन देशों का कहना है कि परमाणु हथियारों की जरुरत नहीं है। इसे नष्ट किया जाना चाहिए। इस मौके पर विश्व को परमाणु हथियारों को नष्ट करने से संबंधित अंतरराष्ट्रीय अभियान के कार्यकारी निदेशक बेट्राइस फिन ने हस्ताक्षर समारोह के शुरू होने पर कहा कि  ‘‘आप वो राष्ट्र हैं जो दुनिया को नैतिक नेतृत्व का रास्ता दिखा रहे हैं। दिन समाप्त होने से पहले इंडोनेशिया और आयरलैंड समेत 50 देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए। अन्य देश अगर चाहें तो बाद में इस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।  दुनिया के परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने इस संधि को भले ही खारिज कर दिया हो लेकिन इसके समर्थकों ने इसे ऐतिहासिक समझौता बताया है। गुयाना, थाईलैंड और वेटिकन ने पहले ही इस संधि को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस संधि को समर्थन करने वाले देशों में लागू करने के लिए 50 औपचारिक मंजूरियों की जरूरत है। इस संधि के लागू होने पर इन देशों में ‘‘किसी भी परिस्थिति में’’ परमाणु हथियारों को विकसित करने, परीक्षण करने, निर्माण करने, उन्हें हासिल करने, अपने पास रखने या संचय करने पर रोक रहेगी।


बहरहाल यह एक अच्छा कदम है। परमाणु हथियारोंसे लैस देशों को इस दिशा में विचार करना चाहिए और हथियारों के जखीरे को नष्ट करने का सामूहिक फैसला लेना चाहिए। ऐसा करके ही दुनिया को विनाश से बचाया जा सकता है। आवाज उठाने का हक हर एक को है। ऐसे वक्त में यह आवाज उठाई गई है जब हत देश हथियार जुटाने की कोशिश में लगा है। प्यार मोहब्बत की बाते करने वालों को यह जान लेना चाहिए कि हथियारों के जखीरे से आतंकवाद को बढावा मिलता है न कि पर मोहब्बत को।अगर दुनिया में शाति नेखनी है तो परमाणु हथियारोको नष्ट करना ही होगा। इस पर गंभीर विंत्न की जरुरत है।