सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इस बैठक के खत्म होने के बाद  कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एनडीए के तीन सालों की सरकार में सिर्फ डर, भय और खौफ ही  दिखाई दिया। ये डर और भय किसी एक व्यक्ति या विपक्ष की सरकारें तोड़ने तक ही नहीं बल्कि देश के दलित, एससी,  महिलाएं और अल्पसंख्यक पर भी दिखा। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, हमें भारत के सार और विचार की रक्षा करने के लिए तैयार रहना होगा, जिसे यह सरकार खत्म करने की कोशिश कर रही है। वहीं कश्मीर में पहले शांति थी लेकिन अब टकराव, तनाव  और डर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां पहले आर्थिक संभावना थी, वहीं आज विकासहीनता है। इतना ही नहीं  जम्मू-कश्मीर में संकट सरकार की घोर नाकामी को दिखाती है।


आजाद ने कहा कि इस डर का एक नमूना सोमवार को मीडिया पर भी देखने को मिला। जहां हजारों करोड़ कई लोगों के पास बकाया है लेकिन एक चैनल के 50 करोड़ से सरकार घबरा गई। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकारी पैसे का दुरुपयोग करके कितनी खुशियां मनाएगी। सारे दिन टीवी पर केन्द्रीय नेता खुद को बधाई देते रहते हैं लेकिन ये तीन साल निराशाजनक रहे। उन्होंने कहा कि पहले के रोजगार भी खत्म हो गए और नए रोजगार पैदा नहीं हुए। किसानों की हालत चिंताजनक हो गई है। यह सिर्फ नारों और पब्लिसिटी की सरकार है जो टीवी में हीरो दिखती है लेकिन जमीन पर जीरो है। कांग्रेस की सर्वोच्च इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक सोनिया गांधी के आवास पर हुई और इसमें पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी और सीडब्ल्यूसी के दूसरे सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर और विपक्ष को बड़े पैमाने पर एकजुट करने के मुद्दे पर चर्चा हुई।

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हिंदुस्तान