अनवर चौहान
नई दिल्ली, चार दिन पहले ही मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने कहा था कि आस्था के मामले अदालत में नहीं निपटते। उनके संकेत साफ थे कि राम मंदिर पर दोनों पक्ष बैठकर बात करें। इसका कोई ऐसा हल हो जिससे दोनों राज़ी हो जाऐं। शायद उन्ही की बात यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गए हैं। योगी ने आज  ऐलान कर दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर का मसला बातचीत के जरिए जल्द हल किया जाना चाहिए. अब तो कई मुस्लिम संगठन भी राम जन्मभूमि हिंदू समाज को सौंपने के लिए  तैयार हो गए हैं.

योगी ने अयोध्या के विकास के लिए 350 करोड़ की योजनाओं की घोषणा भी की. योगी की इस यात्रा को बीजेपी के मंदिर मुद्दे को फिर गर्माने की कोशिश समझा जा रहा है. बुधवार को अयोध्या की पतली गलियों में योगी का काफिला पहुंचा…उनके चरण छुए गए…जय श्रीराम के नारे गूंजे. योगी हनुमान गढ़ी की 51 सीढ़ियां चढ़कर दर्शन को पहुंचे. उन्होंने बजरंगबली की परिक्रमा की. यहां रामलला के दर्शन से पहले बजरंगबली के दर्शन की रवायत है. योगी ने उम्मीद जताई कि अयोध्या मसला जल्द बातचीत से  हल होगा. योगी ने कहा कि “अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि के विवाद का हल बातचीत से जल्द होना

चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने भी संवाद का एक मौका दिया है.” महंत से मुख्यमंत्री बने योगी को देखने राम जन्मभूमि मंदिर के रास्ते में तमाशबीनों की भीड़ थी. सड़कों से लेकर छतों तक लोग जमा थे. रामलला के दर्शन के बाद योगी सरयू के किनारे पहुंचे, जहां दरिया पर पुलिस का कड़ा पहरा था और घाटों पर खास सफाई थी. योगी ने यहां विधि-विधान से पूजा और आचमन किया और सरयू की आरती उतारी. बाद में उन्होंने कहा कि तमाम मुस्लिम भी मंदिर बनने के हिमायती हैं. योगी ने कहा कि “लखनऊ के कई मुस्लिम संगठनों ने राम जन्मभूमि हिंदू समाज को सौंपने की बात कही है. ऐसी बातें लगातार आ रही हैं. यहां दिगंबर अखाड़े में भी कुछ लोगों ने मुझसे कहा.”

सन 1992 से 2017 के बीच इन 25 सालों में सरयू में न जाने कितना पानी बह गया…अयोध्या की एक पूरी पीढ़ी जवान हो गई, जिसके जहन में बाबरी मस्जिद गिरने की तस्वीरों के अक्श नहीं हैं. लेकिन अयोध्या में दो चीज़ें नहीं बदलीं, एक तो यहां के हालात और दूसरे मंदिर को सियासी मुद्दा बनाने की कोशिशें. लेकिन आज योगी ने अयोध्या के विकास के लिए 350 करोड़ की योजनाओं की घोषणा की. इसमें 50 करोड़ से अयोध्या की सड़कों की मरम्मत, अयोध्या को 24 घंटे बिजली, अयोध्या में एलईडी स्ट्रीट लाइट, परिक्रमा मार्ग की मरम्मत, सरयू में गिरने वाले नालों के लिए एसटीपी, सरयू के किनारे आरती, राम की पैढ़ी का सौंदर्यीकरण, रामकथा संग्रहालय का आधुनिकीकरण और रामचंद्र परमहंस की समाधि के काम शामिल हैं. योगी ने यहां जय श्रीराम से भाषण शुरू किया और उसी पर खत्म किया. बीजेपी नेता आडवाणी, जोशी, उमा भारती वगैरह के खिलाफ बाबरी मस्जिद मामले में अपराधिक षड्यंत्र के आरोप तय होने के अगले दिन योगी की इस अयोध्या यात्रा के सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं.