अनवर चौहान

नई दिल्ली: सियासत में केजरीवाल डिक्टेटर बनने की क़वायद में जुटे थे। वो चाहते थे कि पार्टी का हर फर्द उन्हें सलाम ठोके। मगर ये हुआ नहीं। दरअसल लोकतंत्र में ये संभव नहीं है। पार्टी के तमाम लोग तो नहीं लेकिन अधिकतर लोग केजरीवाल की टिक्टेटर शिप से बेहद नाराज़ हैं। उसी का ये नतीजा है कि पार्टी टूट के कगार पर है। पार्टी के लोग खुले आम चोतावनी दे रहे हैं कि केजरीवाल ईमानदार-वार नहीं, बल्कि भ्रष्ट इंसान है। ये कहने वाले कोई अथ्थू-नथ्थू नहीं बल्कि आप पार्टी के ही लोग। उनकी पर्टी के ही पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा उन्हें आंखे दिखा रहे है। दूसरी तरफ कुमार विश्वास बी अपने तरकश से तीरों की बरसात कर रहे हैं। दो दिन पहले ही ओखला से विधायक अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। और ऊहा-पोह की हालत में तुरंत वापस ले लिया। 


फिलहाल पार्टी में चल रही नोटंकी को भाजपा और कांग्रेस खामोश तमाशा देख रही हैं। मौक़ा मिलते ही दोनों गेंद को बाउंडरी वाल पार करा देंगे।  शतरंज की सियासी बिसात पर केजरीवाल की चाल का इंतजार हो रहा है। ऐसे में यदि कोई ग़लत चाल चली तो केजरीवाल धरातल पर दिखाई देंगे। फिलहाल तो कपिल मिश्रा और संजय सिंह की ज़बानी जंग जारी है। कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. शनिवार को मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद कपिल मिश्रा ने रविवार को अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने केजरीवाल को सत्येंद्र जैन से 2 करोड़ रुपये लेते हुए देखा है. उन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई तो उन्हें मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया हालांकि आम आदमी पार्टी के बाकी नेता इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि कपिल मिश्रा दरअसल आप के खिलाफ साजिश  का हिस्सा हैं. उनके माध्यम से आप को परेशान करने का खेल चल रहा है.


कपिल मिश्रा मंत्रिपद जाने की बौखलाहट में इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. (अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई के पास जाएंगे कपिल मिश्रा, ACB को सौंपे टैंकर घोटाले के दस्तावेज)​ आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कपिल मिश्रा से तीन सवाल पूछे हैं. पहला- क्या अरविंद केजरीवाल ने कपिल मिश्रा को न्यौता देकर बुलाया था कि आओ देखो मैं रिश्वत ले रहा हूं. 500 और 100 के नोट गिनने  के लिए आ जाओ.दूसरा-अगर कपिल मिश्रा मुख्यमंत्री के घर पर गए थे तो ये तो बता दो कि किस समय गए थे. तीसरा- किस रिश्तेदार की जमीन की डील हो रही थी यह बताएं

आप के नेता दिलीप पांडे ने कहा कि रिश्वत के आरोप लगाकर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा घटा ली है. हर तरफ मजाक उड़ रहा है. सोचकर देखिए  जिस टैंकर घोटाले की आज ये बात कर रहे हैं ये वही टैंकर घोटाला है जिसको भारतीय जनता पार्टी के लोग बड़े लंबे समय से आम आदमी पार्टी के मत्थे मारना चाहते हैं. आम आदमी के गले में लटकाना चाहते हैं. उसी बात को दोहराकर कपिल मिश्रा ने ये साबित कर दिया है कि  वो भी उन्हीं अफवाहों की फैक्टियों वालों की गोद में जाकर बैठ गए हैं. उन्हीं की घटिया स्क्रिप्ट बार-बार पढ़ रहे हैं. ये बहुत निराशाजनक  और दुर्भाग्यपूर्ण है.